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पटना. पटना के सीनियर डिप्टी कलेक्टर सूरज कुमार सिन्हा के 16 वर्षीय पुत्र आयुष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. ये मौत स्वाभाविक है या फिर उसकी हत्या की गई है इसको लेकर संशय बरकरार है. परिजनों का आरोप है कि आयुष की हत्या की गई है. वहीं, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.

परिजनों के आरोप के अनुसार, फुलवारी शरीफ के मौर्य विहार स्थित मानस हॉस्पिटल स्थित नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है. इस ममले में सीनियर एडीएम ने अपने पुत्र के साथ मारपीट करके हत्या करने का आरोप डॉक्टर और उसके स्टाफ पर लगाया है. मृतक आयुष कि मां निर्मला का भी कहना है कि हॉस्पिटल में ही कुछ किया गया है जिसकी वजह से उनके बेटे कि मौत हुई है.

वहीं, पटना प्रमंडलीय आयुक्त में पदस्थापति एडीएम सूरज कुमार सिन्हा ने लिखित आवेदन में कहा कि फुलवारी शरीफ के मौर्य बिहार कॉलोनी रोड नंबर-3 स्थित मानस हॉस्पिटल में 21 दिसंबर को 16 वर्षीय ड्रग एडिक्ट बेटा आयूष कुमार को इलाज के लिए भर्ती कराया था. हॉस्पिटल का संचालन डॉ संतोष कुमार करते हैं. 25 दिसंबर को स्वंय बेटे से मिलने गया तो मुझसे मिलने नहीं दिया गया. दोबारा 4 जनवरी को फिर अपने बेटे से मिलने गया तो बेटे ने शिकायत की कि सुजीत नाम का एक स्टाफ ने उसके साथ 22 और 29 दिसंबर को मारपीट किया था जिससे जबड़े और पेट में चोट आयी थी.

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एडीएम ने बेटे की कही बात के आधार पर यह भी आरोप लगया कि हॉस्पिटल के लोगों ने सीसीटीवी कैमरा बंद कर उसकी पिटाई करते हैं. बेटा ने यह भी कहा था कि पापा मुझे यहां से ले चलें. इस विषय पर डॉ संतोष से बात करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. बेटे की शिकयात को स्टाफ से जिक्र करते हुए कहा अब ऐसा नहीं होना चाहिए. डॉ संतोष को व्हाटसऐप के द्वारा सुजीत को समझाने के लिए कहा.

एडीएम ने कहा कि 12 जनवरी को डॉ संतोष कुमार ने कॉल किया के आपके बेटे की हालत खराब है. उसका बीपी और पल्स काफी नीचे है. इसके बाद हमने कहा कि एम्स अस्पताल में एडमिट करें. किसी तरह वे लोग पटना एम्स ले गए. एम्स में सीटीवीएस विभाग के वार्ड आइसीयू के वेंटीलेटर में पाया. वहां इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि मरीज को सीपीआर देकर एम्स लाया गया था. फिर एम्स के डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक आयुष के शरीर पर चोट के निशान थे. एडीएम ने कहा कि जब आयुष के शव को देखा तो उसके शरीर पर चोट के निशान थे.

दूसरी ओर इस मामले में आरोपी डॉक्टर सामने नहीं आ रहे. लेकिन पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि आयुष नशा का आदी था. उससे छुटकारा के लिए हमारे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. एडीएम के सारे आरोप निराधार हैं. सीसीटीवी फुटेज कभी ऑफ नहीं हुआ है. रिर्काडिंग भी है. लडके की हालत अचानक बिगड़ गयी थी उसे सीपीआर भी दिया गया है. मृतक के शरीर में जो लाल के निशान है वह सीपीआर देने के बाद होता है. किसी तरह की मारपीट नहीं हुई है.

डीएम पटना के आदेश पर पोस्टर्माटम कराया गया है. अब रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है. इस मामले में सीनियर एडीएम सूरज कुमार सिन्हा के द्वारा फुलवारी शरीफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है. इसमें डॉक्टर और उसके स्टाफ को आरोपी बताते हुए शिकायत दर्ज कराई है.

इस मामले में पुलिस ने फुलवारी शरीफ थाना में 50/23 कांड दर्ज कर लिया है और कार्रवाई में जुट गई है. फुलवारी शरीफ एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गयी है. पुलिस सारे तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा की जा रही है. पुलिस हर बिंदु पर तहकीकात कर रही है.

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