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मुबंई. आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana), सान्या मल्होत्रा (Sanya Malhotra), नीना गुप्ता (Neena Gupta) और गजराज राव (Gajraj Rao) की ‘बधाई हो’ (Badhaai Ho) साल 2018 में रिलीज हुई थी. यह फिल्म रिलीज के साथ ही कई वजहों से बेहद खास रही है. फिल्म को रिलीज हुए 4 साल बीत चुके हैं फिर भी यह फिल्म आज भी दर्शकों के दिलो दिमाग पर छाई हुई है. बता दें कि इस फिल्म में दिवगंत अदाकारा सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) ने शानदार एक्टिंग की थी.

सुरेखा सीकरी ने अपने दमदार अभिनय से ‘बधाई हो’ में चार चांद लगा दी थीं. सुरेखा सीकरी ने फिल्म में दर्शकों को हंसाया भी और सोचने पर मजबूर भी कर दिया. आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन जब-जब इस फिल्म का जिक्र होता है, तो उनके को-स्टार्स उन्हें याद करना नहीं भुलते. कुछ ऐसा ही वाक्या गजराज राव (Gajraj Rao) के साथ भी हुआ. उन्होंने अपने हालिया इंटरव्यू में सुरेखा सीकरी को एक बार फिर से दिल याद किया और फिल्म के उस सीन को याद किया जो फिल्म की एक खास कड़ी ही है.

इस सीन को किया याद
बता दें कि फिल्म में एक आइकॉनिक सीन है, जिसे फैंस अक्सर याद कर जहां भावुक हो जाया करते हैं तो वहीं सीन को देखकर मुस्कुरा भी पड़ते हैं. फिल्म के एक दृश्य में कौशिक जोड़ी (नीना और गजराज) दादी (सुरेखा सीकरी) के साथ एक पारिवारिक शादी में शामिल होते हुए दिखाई देते हैं. अचानक, जब रिश्तेदार इतनी ज्यादा उम्र प्रेग्नेंट हुई नीना को ताना मारने लगते हैं, तो यह दादी (सुरेखा सीकरी) ही होती है जो उसके लिए खड़ी हो जाती है और न केवल अपनी दूसरी बहू, बल्कि अपनी बेटी को भी डांटती है.

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बता दें कि यह दृश्य फिल्म के सबसे शक्तिशाली दृश्यों में से एक है और यह दिखाने के लिए जाता है कि “सास-बहू” ड्रामा के अलावा, एक मां और बहू का रिश्ता भी मजबूत हो सकता है. बशर्ते सच्चा प्यार और सम्मान हो.

फिल्म की हर याद अमूल्य है
इस सीन के शूटिंग के दिनों को याद करते हुए Indianexpress.com की बातचीत में गजराज राव ने बताया कि यह शूट करने के लिए एक अत्यंत गहन दृश्य था.रिपोर्ट के अनुसार एक्टर ने विस्तार से बताते कहा, चूंकि उनके पास शायद ही कोई डायलॉग था, इसलिए उन्हें सीन में सुरेखा सीकरी के गुस्से के प्रकोप के आधार पर विशुद्ध रूप से भाव करना पड़ा. उनका कहना है कि शुरू में वह अभिभूत थे और उन्हें लगा कि वह बोल नहीं सकते, आखिरकार आगे जाकर उन्होंने सीन को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया. वह आगे कहते हैं कि उस फिल्म की हर याद अमूल्य है.

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