
हाइलाइट्स
वेदांता ने ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के साथ बनाया है ज्वाइंट वेंचर.
2 हजार करोड़ डॉलर की लागत से बनेगा अहमदाबाद में प्लांट.
भारत के सेमीकंडक्टर बाजार के वर्ष 2026 तक 6300 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
नई दिल्ली. सेमीकंडक्टर (Semiconductor) के लिए भारत अभी भी दूसरे देशों पर निर्भर है. हालांकि यह निर्भरता आने वाले कुछ समय में समाप्त हो सकती है. इसका कारण यह है कि भारत ने अब सेमीकंडक्टर में भी आत्मनिर्भर बनने के लिए गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं. उसी का नतीजा है कि अब देश की दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता (Vedanta) ने ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) के साथ मिलकर गुजरात के अहमदाबाद में एक बड़ा सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की घोषणा की है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात सरकार ने भी वेदांता को अहमदाबाद में प्लांट लगाने के लिए फ्री में जमीन और रियायती पर बिजली और पानी मुहैया कराने का वादा किया है. जानकारी के मुताबिक इस हफ्ते दोनों पक्षों के बीच एमओयू साइन हो सकते हैं और इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल और वेदांता के अधिकारी शामिल हो सकते हैं.
2 हजार करोड़ डॉलर से बनेगा प्लांट
आम बोलचाल की भाषा में सेमीकंडक्टर को चिप कहा जाता है. वेदांता ने ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) के साथ मिलकर भारत में समीकंडक्टर निर्माण के लिए बड़ा प्लांट बनाने की योजना बनाई है. इस पर 2 हजार करोड़ डॉलर खर्च किए जाएंगे. फरवरी में वेदांता ने चिप बनाने का फैसला किया था और इसे लेकर फॉक्सकॉन के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाया.
गुजरात सरकार से मिलेंगी ढेरों सुविधाएं
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इस मेगा प्रोजेक्ट की रेस में महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक भी कंपनी की लिस्ट में थे. लेकिन जमीन और अन्य रियायतों को देखते हुए यह प्लांट गुजरात में लगाने का फैसला किया गया. वेदांता को सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए गुजरात सरकार से सस्ती बिजली के साथ-साथ वित्तीय और गैर-वित्तीय सब्सिडी मिलेगी. वेदांता ने 1 हजार एकड़ जमीन मुफ्त में 99 साल के लिए लीज पर पर देने की मांग की थी. इसके अलावा 20 साल के लिए एक निश्चित कीमत पर पानी और बिजली सप्लाई भी मांगी थी. कंपनी की मांग को सरकार ने स्वीकार कर लिया.
तेजी से बढ़ रही है चिप इंडस्ट्री
भारत के सेमीकंडक्टर बाजार के वर्ष 2026 तक 6300 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. वर्ष 2020 में यह महज 1500 करोड़ डॉलर का था. अभी दुनिया के अधिकतर देश सेमीकंडक्टर के लिए ताइवान जैसे कुछ देशों पर निर्भर है. पिछले कुछ समय से चिप की किल्लत के चलते ऑटो और स्मार्टफोन इंडस्ट्री का कारोबार बुरी तरह प्रभावित रहा है.
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Tags: Business news, Company
FIRST PUBLISHED : September 12, 2022, 22:23 IST
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