समस्तीपुरएक घंटा पहले
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अस्पताल में मृत स्वर्ण व्यवसायी के परिजन।
समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र में 3 दिन पहले हुए स्वर्ण व्यवसाई हत्याकांड अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है। घटना के पीछे 1 साल पूर्व मृतक कारोबारी के दामाद की कोचिंग पर फायरिंग मामले को जोड़कर देखा जा रहा है। उधर, दो दिनों के अंदर जिले में दो लोगों की हत्या से दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। खानपुर में स्वर्ण व्यवसायी की हत्या के बाद विभूतिपुर में गंगा स्नान करने जा रहे युवक की हत्या से पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल उठ खड़ा हुआ है।
लोगों का कहना है कि अपराधिक घटनाओं में बदमाशों की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। खानपुर के स्वर्ण व्यवसायी रघुवीर स्वर्णकार हत्याकांड में दूसरे दिन भी पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा। परिवार के लोग इस घटना को रघुवीर के दामाद शशिरंजन के कोचिंग पर गत वर्ष 10 अगस्त हुए मारपीट व फायरिंग मामले से जोड़ कर देख रहे हैं। परिवार के लोगों का कहना है कि उस घटना के बाद परिवार के लोगों को किसी से विवाद नहीं हुआ है।
उक्त घटना में शामिल लोगों पर शक इस बात को लेकर भी है कि आरोपियों ने जेल जाने से पूर्व कहा था जेल से निकलने पर बदला लेंगे। उधर, हत्याकांड में अबतक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है। एसपी हृदयकांत ने कहा कि स्वर्ण व्यवसायी हत्याकांड में मुख्यालय डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। पुलिस घटना के अलग-अलग विन्दुओं पर जांच कर रही है। जल्द मामले का खुलासा हो जाएगा।
स्वर्ण व्यवसायी के साथ एक वर्ष पूर्व क्या हुआ था
बताया गया है कि स्वर्ण व्यवसासी के दामाद शशिरंजन साह खानपुर के ही खतुआहा में कोचिंग चलाते हैं। 10 अगस्त 2021 को उक्त कोचिंग पर कुछ बदमाशों ने घुस कर छात्र -छात्राओं के साथ मारपीट की थी। इस दौरान छात्राओं के साथ छेड़खानी भी की गई थी। बदमाशों ने कोचिंग पर फायरिंग भी की थी। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया था। जिसे पुलिस ने बाद में जेल भेज दिया था। कहा गया है कि जेल जाने से पूर्व उक्त युवक ने जेल से निकल आने के बाद अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।
नेता प्रतिपक्ष ने थानाध्यक्ष पर लगाया था बदमाशों के सहयोग का आरोप
घटना के बाद खानपुर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने स्थानीय थानाध्यक्ष पर आरोप लगाया था कि बदमाशों को बचाने के लिए अभियुक्तों से मिलकर मामले में काउंटर केस किया गया था। जिसमें नालंदा में पदस्थापित स्वर्ण व्यवसायी के पुत्र डॉक्टर राजेंद्र कुमार को भी आरोपी बना दिया गया था। जिसके बाद केस में संधी के लिए दबाव बनाया गया था। केस में संधी हो भी गई थी। 30 अगस्त को इस मामले पर कोर्ट में कार्रवाई होनी थी।
अब तक नहीं दिया आवेदन
मामले पर एसपी हृदयकांत ने कहा कि परिवार वालों ने अबतक आवेदन नहीं दिया है। वारिसनगर थानाध्यक्ष के अलावा कई और पुलिस पदाधिकारी को पीड़ित परिवार के यहां आवेदन के लिए भेजा गया है लेकिन लोगों ने अबतक आवेदन नहीं दिया है। वैसे पुलिस अपने स्तर से अलग-अलग विन्दुओं पर जांच कर रही है। एक वर्ष पूर्ण हुए मामलें को भी जांच के केंद्र में रखा गया है। जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा।
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