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हाइलाइट्स

कसमार प्रखंड के बीडीओ विजय कुमार बोले- स्कूल के लिए सड़क नहीं होने की बात संज्ञान में है.
संपर्क पथ के लिए रैयतों से कई बार बात की गई. बस रैयतों द्वारा भूमि देने का इंतजार कर रहे है हम.
जैसे ही रैयत भूमि देने की बात कहेंगे, यहां अविलंब सड़क बनाने का काम चालू कर दिया जाएगा.

रिपोर्ट : मृत्युंजय कुमार

बोकारो. बच्चों को शिक्षा के लिए ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़े, इसके लिए सरकार की ओर से गांव के आसपास स्कूल खोले गए. लेकिन बच्चे स्कूल तक कैसे पहुंचें, इसकी कोई व्यवस्था सरकार की ओर से नहीं की गई. बोकारो जिला में सरकारी स्कूल भवन चकाचक जरूर हो गया है, लेकिन पढ़ने-पढ़ानेवालों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं.

बोकारो जिला मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर कसमार प्रखंड में एक ऐसा भी विद्यालय है, जहां के बच्चे खेत की मेड़ के रास्ते स्कूल जाने को विवश हैं. मंझिलाडीह (करमा) उत्क्रमित मध्य विद्यालय एक ऐसा स्कूल है, जहां तक पहुंचने लिए आज तक रास्ता नहीं बन सका. ऐसे में बच्चे व शिक्षक खेत की मेड़ से होकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है. खेत की मेड़ पानी से फिसलन भरी हो जाती है. ऐसे में बच्चे फिसलकर खेत में गिर जाते हैं. फिसलन से बचने के लिए बच्चे जूते-चप्पल पहनने से बचते हैं.

बता दें कि 2006 में काशीडीह से मंझिलाडीह जेहरा स्थल पर भवन बनाकर स्कूल स्थानांतरित किया गया. लेकिन यहां आने-जाने के लिए सड़क नहीं बनाई गई. यहां पहली से 8वीं तक के 300 बच्चे दो किलोमीटर की दूरी मेड़ के रास्ते पूरी करते हैं. सड़क नहीं होने की मुख्य वजह रैयती जमीन बताई जा रही है. क्योंकि 1-2 रैयत जमीन देने से इनकार करते रहे हैं.

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स्कूल के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि कई बार विभाग को लिखा गया है. लेकिन जमीन की अनुपलब्धता के कारण सड़क नहीं बनी है. बच्चे बताते हैं कि फिसलन के कारण अक्सर चोटें आती रहती हैं, कपड़े गंदे होते हैं वो अलग.

वहीं, कसमार प्रखंड के बीडीओ विजय कुमार ने बताया कि मामला हमलोग के संज्ञान में है. संपर्क पथ के लिए रैयतों से कई बार बात की गई. बस रैयतों द्वारा भूमि देने का इंतजार है. जैसे ही रैयतों द्वारा भूमि देने की बात कही जाएगी अविलंब सड़क बनाने का काम चालू कर दिया जाएगा.

शिक्षा पदाधिकारी (DSE) नूर आलम ने बताया कि अविलंब पूरी बात डीसी तक पहुंचाई जाएगी और यह भी जांच कराई जाएगी कि तत्कालीन जेइ ने किस आधार पर विद्यालय बनाने के लिए उक्त स्थल का चयन किया, जहां संपर्क पथ ही नहीं था.

Tags: Bokaro news, Education Policy, Jharkhand news

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