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इंदौर. मध्यप्रदेश के कुख्यात ‘हनी ट्रैप’ मामले (Honey trap case) में बचाव पक्ष ने सोमवार को इंदौर की जिला अदालत में अर्जी पेश कर गुहार की कि इस प्रकरण की कथित पेन ड्राइव के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) को पिछले साल विशेष जांच दल (एसआईटी) का नोटिस जारी किए जाने के बाद उठाए गए कदमों का ब्योरा अभियोजन से तलब किया जाए. अभियोजन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि एक सत्र अदालत ने अभियोजन को आदेश दिया कि वह बचाव पक्ष की अर्जी का जवाब आगामी 14 जनवरी को उसके सामने पेश करे.

बचाव पक्ष के वकीलों में से एक यावर खान ने मीडिया को बताया कि उनकी ओर से अदालत में अर्जी प्रस्तुत कर कहा गया है कि एसआईटी के एक जांचकर्ता अधिकारी को यह ब्योरा पेश करने के लिए आदेशित किया जाए कि वर्ष 2021 में कमलनाथ को नोटिस जारी किए जाने के बाद कौन-से कदम उठाए गए हैं और क्या पूर्व मुख्यमंत्री से हनी ट्रैप कांड की कोई पेन ड्राइव या सीडी जब्त की गई है? दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत एसआईटी के जारी नोटिस के मुताबिक, कमलनाथ ने 21 मई 2021 को एक ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में कथित रूप से बोला था कि हनी ट्रैप प्रकरण की पेन ड्राइव उनके पास मौजूद है.

नोटिस के बाद कमलनाथ ने मीडिया को दिया था बयान
बहरहाल, इस बयान के बाद एसआईटी का नोटिस जारी होने पर कमलनाथ ने मीडिया से कहा था, “(हनी ट्रैप कांड की) यह पेन ड्राइव मेरे पास कहां है? यह तो आपमें (पत्रकारों) से बहुत लोगों के पास है. यह पेन ड्राइव तो पूरे प्रदेश में घूम रही है.” गौरतलब है कि हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं और उनके चालक को भोपाल और इंदौर से सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. उस समय मध्यप्रदेश में कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार थी, जबकि फिलहाल शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा राज्य की सत्ता में है.

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हनी ट्रैप मामले में 16 दिसंबर 2019 को पेश हुआ था आरोप पत्र
पुलिस ने हनी ट्रैप मामले में इंदौर की एक स्थानीय अदालत में 16 दिसंबर 2019 को पेश आरोप पत्र में कहा था कि यह संगठित गिरोह मानव तस्करी के जरिये भोपाल लायी गयी युवतियों के इस्तेमाल से धनवान लोगों और ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को अपने जाल में फांसता था. फिर अंतरंग पलों के खुफिया कैमरे से बनाये गये वीडियो, सोशल मीडिया चैट के स्क्रीनशॉट आदि आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर उन्हें धमकाता था.

Tags: Honey Trap, Kamal nath, SIT

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