
नई दिल्ली. कई देशों में 4 दिन काम और 3 दिन की छुट्टी का फार्मूले पर काम हो रहा है. ऐसे में अब ब्रिटेन पूरे वेतन के साथ 4-डे वर्कवीक सिस्टम के साथ प्रयोग कर रहा है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले हजारों लोगों की भागीदारी देखी जा रही है. छोटा वर्कवीक सिस्टम दिसंबर तक 6 महीने के लिए कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी और कल्याण को मापेगा. लगभग 70 कंपनियां इसका हिस्सा बन गई हैं. इसमें ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों के साथ-साथ अमेरिका के बोस्टन कॉलेज के एक्सपर्ट भी शामिल होंगे.
4-डे वीक कैंपेन ने एक बयान में कहा गया है कि इसमें पूरे यूके में स्थित और 30 से अधिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 3,300 से अधिक वर्कर्स को अपने पूर्व प्रोडक्टिविटी के 100 फीसदी को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के बदले में 80% समय के लिए अपने भुगतान का 100% वेतन मिलेगा.
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प्रोडक्टिविटी की माप बिजनेस-टू-बिजनेस पर निर्भर
week.4dayweek.co.uk के अनुसार, प्रोडक्टिविटी की माप बिजनेस-टू-बिजनेस पर बहुत अधिक निर्भर है. कुछ के लिए यह एक शुद्ध रेवेन्यू मीट्रिक होगा. दूसरों के लिए, यह बेची गई प्रोडक्ट्स यूनिट की संख्या, जीते या मैनेज किए गए ग्राहकों की संख्या, या कोई अन्य मापने योग्य सक्सेस मीट्रिक होगी.
4-डे वर्कवीक को माना जाता है ट्रिपल डिविडेंड पॉलिसी
बोस्टन कॉलेज में समाजशास्त्र के प्रोफेसर और पायलट स्कीम के लीड रिसर्चर जूलियट शोर ने कहा कि 4-डे वर्कवीक को आमतौर पर कर्मचारियों, कंपनियों और जलवायु की मदद करने वाली ट्रिपल डिविडेंड पॉलिसी माना जाता है.
वैश्विक स्तर पर ट्रायल में भाग लेंगी 150 कंपनियां
वैश्विक स्तर पर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 7 हजार से अधिक कर्मचारियों और 150 कंपनियों ने 4-डे वर्कवीक के छह महीने के कॉर्डिनेटेड ट्रायल में भाग लेने के लिए साइन अप किया है.
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FIRST PUBLISHED : June 09, 2022, 16:38 IST
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