Hyundai की नई कारें 4
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हाइलाइट्स

अभी तक इलेक्ट्रिक कारों की रेंज हाइड्रोजन की मुकाबले कम है.
हाइड्रोजन कार अब तक आम जनता के लिए लॉन्च नहीं की गई हैं.
दोनों की तरह की कारों के लिए अभी देश में बुनियादी ढांचा बन रहा है.

देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बढ़ने के साथ-साथ सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग भी काफी तेजी से बढ़ रही है. पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है. इलेक्ट्रिक वाहनों को भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, हाइड्रोजन वाहन भी अब देश में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार हैं.

हाल ही में खत्म हुए ऑटो एक्सपो 2023 में वैकल्पिक ईंधन विकल्प के रूप में हाइड्रोजन वाहन भी सामने आए. एमजी मोटर इंडिया ने तीसरी पीढ़ी के हाइड्रोजन ईंधन सेल टेक्नोलॉजी के साथ अपने नए वाहनों का प्रदर्शन किया. हाइड्रोजन फ्यूल-सेल सिस्टम को पहली बार 2001 में फीनिक्स नंबर 1 फ्यूल-सेल व्हीकल प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था. यहां आपको बता रहे हैं कि आज के दौर में हमारे लिए इलेक्ट्रिक वाहन ज्यादा सही है या हाइड्रोजन वाहन?

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कौन सी कार की ज्यादा होगी रेंज?
अभी तक इलेक्ट्रिक कारों को एक बार एक घंटा चार्ज करने पर ज्यादा से ज्यादा 250 किमी चल चलाया गया है. हालांकि हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों में ऊर्जा का भंडारण ज्यादा घना होता है. इसका मतलब यह है कि हाइड्रोजन वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन के मुकाबले एक बार चार्ज करने पर ज्यादा रेंज दे सकते हैं. भारत की पहली फ्यूल सेल ईवी या हाइड्रोजन कार टोयोटा मिराई को एक बार चार्ज करने पर 600 किमी तक की रेंज की क्षमता के साथ लॉन्च किया गया है.

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रिफिल करने में कितना लगता है समय?
आत तौर पर एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को चार्ज करने पर कम से कम 4 से 8 घंटे का समय लगता है. हालांकि, चार्जिंग की स्पीड को फास्ट करके बैटरी को फास्ट चार्ज किया जा सकता है. हालांकि इस समय को कम करने के लिए बैटरी स्वैपिंग को भी एक ऑप्शन के तौर पर देखा जा रहा है. दूसरी ओर हाइड्रोजन कारों में ईंधन भरना ज्यादा आसान है. फ्यूल स्टेशन पर एक किलो हाइड्रोजन को रिफिल करने में 5-10 मिनट लगते हैं. एक किलो हाइड्रोजन एक किलो लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में 200 गुना ज्यादा ऊर्जा स्टोर करने में सक्षम है.

फायदे और नुकसान
ईवी चार्जिंग स्टेशनों और हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों दोनों के लिए बुनियादी ढांचा अभी भारत में विकसित हो रहा है. वर्तमान में देश में हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशनों की तुलना में काफी अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन हैं. साथ ही एक औसत कार को रात में पार्किंग के अंदर भी चार्ज किया जा सकता है. लेकिन हाइड्रोजन रिफिल के लिए फ्यूल पंप पर ही जाना होगा.

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