
राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव को हॉकी की नर्सरी के रूप में जाना जाता है, लेकिन धीरे-धीरे यह परिभाषा बदलती जा रही है. अब राजनांदगांव बास्केटबॉल की नर्सरी भी बनता जा रहा है. बास्केटबॉल में राजनांदगांव की पहचान अब छत्तीसगढ़ से इतर देशव्यापी बनने लगी है. आंकड़ों पर गौर करें तो राजनांदगांव स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण की एकेडमी से 1500 खिलाड़ी बास्केटबॉल खेल चुके हैं. इनमें से लगभग 1200 से अधिक खिलाड़ियों ने गोल्ड और सिल्वर समेत अन्य मेडल जीते हैं. लगभग ढाई सौ से अधिक खिलाड़ी देश के अलग-अलग हिस्सों में केंद्र और राज्य सरकारों में नौकरी कर रहे हैं. राजनांदगांव ने 150 से अधिक इंटरनेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी दिए हैं.
राजनांदगांव स्थित साई की एकेडमी की पहचान अब पूरे देश में होने लगी है. राजनांदगांव के खिलाड़ियों का दबदबा भी पूरे देश में देखने को मिल रहा है. राजनांदगांव की इस एकेडमी में साई से 2001 में आए बास्केटबॉल के इंटरनेशनल कोच के.राजेश्वर राव ने यहां बास्केटबॉल की शुरुआत की. उसके बाद से अब तक यहां से 1500 खिलाड़ी बास्केटबॉल खेल चुके हैं. इनमें से लगभग 1200 से अधिक खिलाड़ियों ने कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते हैं.
राजनांदगांव ने दिये हैं खिलाड़ियों को बड़े अवसर
इंटरनेशनल जूनियर बास्केटबॉल खिलाड़ी डिंपल धोबी का कहना है कि वह गत 5 से 6 साल से राजनांदगांव साईं में है. उन्होंने अंडर-14 में दो गोल्ड मेडल जीते हैं. वहीं अंडर-17 में एक सिल्वर मेडल जीता है. डिंपल धोबी पेरिस और रूस में इंटरनेशनल जूनियर बास्केटबॉल में अपना परचम लहरा चुकी है. वह अब जूनियर इंडिया कैंप में है. वहां सलेक्शन होने पर वह इंडिया टीम में खेलेंगी.
राजनांदगांव ने दिये हैं खिलाड़ियों को बड़े अवसर
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FIRST PUBLISHED : June 09, 2022, 09:58 IST
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