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हाइलाइट्स

गोमेद रत्न को कभी भी मूंगा यह पुखराज के साथ धारण नहीं करना चाहिए.
गोमेद रत्न धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है.

Gemstone Benefits : कुंडली में मौजूद नौ ग्रहों के कमजोर होने की स्थिति में ज्योतिषी अक्सर जातकों को रत्न धारण करने की सलाह दिया करते हैं, लेकिन रत्न अपना सकारात्मक प्रभाव तभी दिखा पाता है, जब उसे नियमानुसार धारण किया गया हो. कई बार गलत तरीके से रत्न धारण करने से इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. रत्न शास्त्र में नौ ही रत्नों को मुख्य माना गया है. यह रत्न हैं माणिक, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद और लहसुनिया. इन सभी रत्नों का अपने जातकों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिष की सलाह लेना बहुत जरूरी होता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

गोमेद रत्न और उसके फायदे

1. गोमेद एक बहुत ही खूबसूरत रत्न होता है. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि राहु एक पापी ग्रह होता है. राहु के दुष्प्रभाव को खत्म करने के लिए या राहु की पीड़ा को कुछ हद तक शांत करने के लिए गोमेद रत्न को धारण किया जा सकता है.

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2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद रत्न को धारण करने से व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूर्ण होने लगते हैं, और आने वाले कार्यों में भी किसी प्रकार की बाधाएं उत्पन्न नहीं होती.

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3. गोमेद रत्न धारण करने से राहु की महादशा से भी छुटकारा प्राप्त होता है. इसके अलावा गोमेद रत्न धारण करने से व्यक्ति की सुंदरता भी बढ़ती है.

4. गोमेद रत्न धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है. साथ ही शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है.

5. गोमेद रत्न कभी भी 6 रत्ती से कम का धारण नहीं करना चाहिए. मान्यता के अनुसार, यह रत्न धारण करने से आंख, जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है.

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6. इसके अलावा इस रत्न को कभी भी मूंगा यह पुखराज के साथ धारण नहीं करना चाहिए.

7. यदि आप गोमेद रत्न धारण करने जा रहे हैं तो इससे पहले इस रत्न को दूध, गंगाजल, शहद और मिश्री के घोल में डालकर रात भर रहने दें. इसके बाद अगले दिन इसे अपनी कनिष्का उंगली में धारण करें. यह सब कुछ ही दिनों में अपना प्रभाव देना शुरू कर देता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion

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