agriculture news e0a4b8e0a4b0e0a58de0a4a6e0a4bfe0a4afe0a58be0a482 e0a4aee0a587e0a482 e0a487e0a4a8 e0a4a4e0a580e0a4a8 e0a4abe0a4b8e0a4b2
agriculture news e0a4b8e0a4b0e0a58de0a4a6e0a4bfe0a4afe0a58be0a482 e0a4aee0a587e0a482 e0a487e0a4a8 e0a4a4e0a580e0a4a8 e0a4abe0a4b8e0a4b2 1

हाइलाइट्स

भारत की अधिकांशतः जनंसख्या कृषि पर निर्भर
बागवानी फसलों से किसान कर सकते हैं मोटी कमाई
कई सब्जियों के पैदावार से लखपति बन सकते हैं किसान

Agriculture News: भारत किसानों (Farmers) का देश है. हिंदुस्तान की ज्यादातर आबादी गांवों में रहती है, जिनकी निर्भरता कृषि (agriculture) पर है. भारतीय GDP में भी कृषि का बड़ा योगदान है. भारत मे किसानों को अन्नदाता कहा जाता है. भारत में अभी खरीफ की फसल की कटाई हुई है और उसके बाद अब रबी की फसलें (Crops) बोई जाने लगी हैं. रबी की प्रमुख फसल गेहूं (Wheat) है. देश में ज्यादातर किसानों की निर्भरता रबी और खरीफ की फसलों पर होती है. लेकिन कई ऐसी मौसमी फसलें (Seasonal Crops) भी होती हैं जो कम लागत में ज्यादा फायदा देती हैं. खास बात ये है कि इन फसलों को तैयार करने में समय भी कम लगता है. आज हम आपको 3 ऐसी फसलों के बारे में बताएंगे जिन्हें सर्दियों के मौसम में बोया जाता है और ये फसलें कम लागत में ज्यादा फायदा देती हैं.

1.प्याज की खेती: प्याज, खरीफ और रबी दोनों सीजन की फसल मानी जाती है. देश के ज्यादातर हिस्सों में प्याज की खेती (Onion Farming) साल में दो बार होती है. लेकिन रबी के सीजन में यह फसल ज्यादा बोई जाती है. आमतौर पर प्याज की बुवाई नवंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर दिसंबर तक चलती है. एक हेक्टेयर खेत के लिए 8 से 10 किलो प्याज बोई जाती है. प्याज को अधिकांशतः नर्सरी में तैयार किया जाता है. उन्नत किस्म की प्याज के लिए प्याज के बीजों के बीच की दूरी 3 मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी और इसे 15 सेंटीमीटर ऊंची क्यारियों में बोया जाता है. प्याज की ज्यादा पैदावार के लिए उसमें कंपोस्ट खाद, कैल्शियम, अमोनिया नाइट्रेट को भी उचित मात्रा में डाला जाता है. नर्सरी में पौधा तैयार में होने 7 से 8 सप्ताह का समय लगता है.

READ More...  पहली बार एक ही साल में रिलीज हो रहीं 5 फिल्में, शैफाली शाह ने बताया कि कैसे बदल गया करियर पाथ

2.टमाटर की खेती: टमाटर की खेती (Tomato Farming) भी साल में दो बार की जाती है. टमाटर की खेती के लिए पहले बीजों को नर्सरी में तैयार किया जाता है. लगभग एक महीने में नर्सरी की पौध खेतों में लगाने लायक हो जाते हैं. सर्दियों के दिनों में लगने वाले टमाटर को सप्ताह में लगभग एक बार पानी देना होता है. सामन्य किस्म के बीज के लिए प्रति हेक्टेयर में लगभग 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है. इस फसल से किसान लाखों में कमाई करते हैं.

3.मूली की खेती: मूली भी सब्जियों (Vegetables) की फसल है. मूली की खेती (Radish Farming) से किसान एक हेक्टेयर में लगभग डेढ़ लाख तक की कमाई कर सकते हैं. मूली की खेती के लिए किसान सीधे बीज बो सकते हैं या नर्सरी से तैयार करके भी खेती कर सकते हैं. मूली की रोपाई ज्यादातर कतारों में कई जाती है. मूली की फसल में जैविक खाद और कीटनाशकों का उपयोग कर अच्छी पैदावार की जा सकती है.

Tags: Agriculture, Farmers, Farmers in India, Onion Production, Tomato

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)