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हाइलाइट्स

1990 के दशक की शुरुआत में ही बेजोस ने इंटरनेट के जरिए व्यापार बढ़ाने का तय किया.
1994 में स्थापना हुई, 1995 में ऑनलाइन किताबें बेचने से की सेवाओं की शुरुआत.
वर्तमान में अमेजन 100 से ज्यादा देशों में करती है अपने प्रोडक्ट्स की डिलीवरी.

नई दिल्ली. जब दुनिया के ज्यादातर लोग ई-मेल तक के बारे में नहीं जानते थे, उस समय एक शख़्स ने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट शुरू करने का सोचा. उसने अपनी नौकरी छोड़कर कंपनी शुरू की, जो थोड़े ही समय में दुनियाभर में छा गई. उस कंपनी को आज हम अमेजन (Amazon) के नाम से जानते हैं जिसकी सेवाएं लगभग हम सभी लेते हैं.

दरअसल, अमेजन को शुरू करने वाले जेफ बेजोस (Jeff Bezos) को हमेशा से कंप्यूटर और तकनीक में बहुत भरोसा रहा है. उन्होंने पाया कि इंटरनेट के उपयोग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. अपनी दूरदर्शिता से बेजोस ने 1990 के दशक की शुरुआत में ही ठान लिया था कि वो इंटरनेट को अपने व्यवसाय का माध्यम बनाएंगे. तब उन्हें ऑनलाइन शॉपिंग का आईडिया आया और परिणाम स्वरूप अमेजन की शुरुआत हुई.

किताब बेचने से की थी शुरुआत

साल 1994 में अमेरिका के टेक्नोलॉजी हब सिएटल में बेजोस ने अमेजन की स्थापना की. 1995 में ऑनलाइन किताब बेचने से शुरुआत हुई और फिर धीरे-धीरे बाकी चीजें भी उसमें जुड़ती चली गईं. सिएटल में बेजोस ने पत्नी मैकेंजी के साथ एक तीन कमरों वाला घर किराए पर लिया. ज्यादा पैसा खर्च न हो इसलिए उन्होंने अपने घर के गैराज से ही कंपनी का कामकाज शुरू किया. इस तरह दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी की शुरुआत हुई. 1997 में अमेजन का पहला आईपीओ खुला. तब कंपनी ने शेयर की कीमत 18 डॉलर तय की थी जो एक साल में ही 105 डॉलर तक पहुंच गई.

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100 से ज्यादा देशों में व्यापार करती है अमेजन

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रैड स्टोन की किताब ‘द एवरीथिंग स्टोर: जेफ बेजोस एंड द ऐज ऑफ अमेजन’ के मुताबिक अमेजन के 1995 में लॉन्च के बाद एक महीने के अंदर इसने 50 राज्यों और 45 देशों से ऑनलाइन ऑर्डर लिए. अमेजन कंपनी के पब्लिक होते ही बेजोस दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए. साल 1999 में टाइम मैगजीन ने उन्हें ‘किंग ऑफ साइबरकॉमर्स’ की उपमा दी. वर्तमान में अमेजन अपने ग्लोबल शिपिंग प्रोग्राम के तहत 100 से ज्यादा देशों में अपने सामानों की डिलीवरी करती है. भारत में अमेजन ने व्यापार की शुरुआत 2012 में की. हाल ही में अपने फ्रीडम सेल और एक घरेलू काम के लिए रोबोट वैक्यूम्स बनाने वाली कंपनी ‘irobot’ को खरीदने को लेकर अमेजन चर्चा में है.

‘अमेजन’ नाम कैसे तय हुआ

अमेजन के नाम के पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है. दरअसल, बेजोस चाहते थे कि उनकी कंपनी का नाम ऐसा हो जिसे सुनते ही लगे कि वो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. उनकी इच्छा थी कि वो नाम अंग्रेजी अल्फाबेट के पहले अक्षर ‘A’ से ही शुरू हों. उन्होंने बहुत से नाम सोचे और आखिर में अमेजन नाम तय हुआ. अमेजन एक नदी का नाम है जो अपवाह क्षेत्र के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी नदी है. इस तरह अपने नाम में विशालता के कारण ‘अमेजन’ नाम फाइनल हुआ.

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इससे पहले बेजोस और उनकी पत्नी मैकेंजी ने MakeItSo.com, Arad.com, BookMall.com, Relentless.com जैसे कई नाम पसंद किए थे. रेलेंटलेस डॉट कॉम को तो बेजोस ने रजिस्टर्ड भी करवा लिया था. आज भी अगर आप गूगल में जाकर www.relentless.com सर्च करेंगे तो वहां से आप सीधे अमेजन की वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे.

1 ट्रिलियन डॉलर के पार हुआ अमेजन का मार्केट कैप

अमेजन के शुरू होने के तीन साल में ही कंपनी का मार्केट कैप 1 अरब डॉलर के पार पहुंच गया था. जिसकी कीमत उस वक्त के हिसाब से 3,600 करोड़ रुपये के बराबर होती है. इसके बाद अमेजन को 1 से 100 अरब डॉलर तक पहुंचने में 14 साल का समय लगा. आखिर सितंबर 2018 में पहली बार अमेजन का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचा. जिसकी कीमत उस समय के हिसाब से 68 लाख करोड़ रुपये होती है. वर्तमान में मार्केट कैप के हिसाब से अमेजन दुनिया की पांचवी बड़ी कंपनी है. अभी कंपनी का मार्केट कैप 1.40 ट्रिलियन डॉलर यानी 111 लाख करोड़ रुपये है.

नई संभावनाओं की तलाश में बेजोस ने छोड़ा सीईओ का पद

27 साल तक अमेजन के सीईओ के पद पर रहने के बाद जेफ बेजोस ने 2021 में ये पद छोड़ दिया. साल 2000 में स्पेस ट्रेवल के लिए बेजोस ने ब्लू ओरिजन की शुरुआत की थी. स्पेस ट्रेवल के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को लेकर बेजोस ने इस पर ज्यादा देने की योजना बनाई है. ब्लू ओरिजन का मुकाबला एलन मस्क की स्पेस एक्स से है. अमेजन के सीईओ के पद से हटने के बाद बेजोस ब्लू ओरिजिन के अलावा बेजोस अर्थ फंड, अमेजन डे वन फंड और अखबार द वाशिंगटन पोस्ट को अपना ज्यादातर समय दे रहे हैं.

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बेजोस के सीईओ का पद छोड़ने के बाद गिरे कंपनी के शेयर्स

अमेजन शुरू करने वाले बेजोस के सीईओ पद छोड़ने के बाद से कंपनी के शेयर्स में 32 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. इस साल कंपनी का मार्केट कैप 20 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है. लेकिन दुनियाभर में फैले अपने नेटवर्क की वजह से कंपनी ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में अब भी शीर्ष पर बनी हुई है.

Tags: Amazon, Jeff Bezos, Online Shopping

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