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हाइलाइट्स

अजरबैजान ने गुरुवार को कहा आर्मेनिया के साथ सीमा संघर्ष में उसके 71 सैनिकों की मौत हो गई है.
इधर आर्मेनिया ने कहा कि उसके 105 सैनिक मारे गए हैं.
नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर दोनों देश के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है.

Armenia Azerbaijan. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार अजरबैजान ने गुरुवार को कहा कि पिछले दो दिनों में आर्मेनिया के साथ सीमा पर संघर्ष में उसके 71 सैनिकों की मौत हो गई है. इधर आर्मेनिया ने कहा कि उसके 105 सैनिक मारे गए हैं. रायटर्स के अनुसार 1980 के दशक से नागोर्नो-काराबाख के ब्रेक क्षेत्र को लेकर दोनों देशों की सीमा पर लड़ाई मंगलवार को फिर से शुरू हो गई है.

मालूम हो कि यह विवादित नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर दो पूर्व सोवियत गणराज्यों के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्षों की श्रृंखला में नया मामला है. जिस पर दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं. इधर रूस और अमेरिका ने दोनों देशों के बीच शांति का आह्वान किया है.

सदियों पुराना संघर्ष
ईसाई बहुसंख्यक अर्मेनिया और मुस्लिम बहुसंख्यक अजरबैजान सदियों से करीब-करीब संघर्ष की स्थिति में रहे हैं, शुरू में धर्म को लेकर और हाल ही में संघर्ष क्षेत्रीय विवादों से संबंधित है. वर्तमान संकट 1920 के दशक की शुरुआत से अपनी जड़ें जमा रहा है जब रूस ने जोसेफ स्टालिन के नेतृत्व में काकेशस के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था. उस समय स्टालिन ने नागोर्नो-काराबाख के अर्मेनियाई प्रभुत्व वाले क्षेत्र को अजरबैजान में रखा था.

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1980 के दशक के उत्तरार्ध में जैसे ही तत्कालीन यूएसएसआर का पतन शुरू हुआ, दोनों पक्षों की राष्ट्रवादी ताकतों ने विवादित क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए लड़ाई शुरू कर दी. 1994 तक आर्मेनिया नागोर्नो-काराबाख से बड़ी संख्या में अजरबैजानी सेना को बाहर निकालने में कामयाब रहा. हिंसा में दसियों और हजारों लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हुए.

वर्तमान संघर्ष
हालांकि मौजूदा संकट 2020 से छह सप्ताह के लंबे युद्ध के बाद 6,500 लोगों के मारे जाने के बाद से उबल रहा है. मार्च में अजरबैजानी सेना ने एक जातीय अर्मेनियाई आबादी वाले गांव फारुख में क्षेत्र पर कब्जा कर लिया. अपने रणनीतिक स्थान के कारण, फारुख की घटनाओं ने चिंता पैदा कर दी.

इस हफ्ते की शुरुआत में आर्मेनिया ने दावा किया कि अजरबैजान की सेना ने गोरिस, सोटक और जर्मुक शहरों की दिशा में अर्मेनियाई सैनिकों के खिलाफ, तोपखाने और बड़े-कैलिबर फायर आर्म्स के साथ गहन गोलाबारी शुरू की.

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