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पटना4 घंटे पहले

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गिरफ्तार शक्ति कुमार की फोटो। - Dainik Bhaskar

गिरफ्तार शक्ति कुमार की फोटो।

आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम आखिर उस शख्स तक पहुंच ही गई, जिसने 8 मई को हुए BPSC के 67वें एग्जाम के C सेट के क्वेश्चन पेपर को लीक किया था। EOU की टीम ने जिस शातिर शख्स को गिरफ्तार किया है, उसक नाम शक्ति कुमार है। 37 साल के इस शातिर शख्स ने ही डॉक स्कैनर मोबाइल एप के जरिए सेट C के पेपर को स्कैन किया था। वो भी एग्जाम शुरु होने से ठीक आधे घंटे पहले। मतलब की सुबह के 10:30 बजे।

स्कैन करने के बाद क्वेश्चन पेपर को इसने कपिलदेव नाम के शख्स को उसके व्हाट्सप एप पर भेज दिया। EOU के अनुसार यहीं से BPSC के एग्जाम का क्वेश्चन पेपर लीक हुआ था। जिस सेंटर से यह शातिराना खेल हुआ, उस दिन शक्ति कुमार वहां के सेंटर सुपरिटेंडेंट थे। टीम ने इनके कॉलेज और ठिकानों पर छापेमारी की। वहां से काफी सारे महत्वपूर्ण कागजात और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं।

राम शरण सिंह इविनिंग कॉलेज का है प्रिंसिपल
गया जिले में डेल्हा थाना के तहत न्यू कॉलोनी है। शक्ति कुमार यहीं के रहने वाले हैं। EOU की टीम ने इन्हें पटना से गिरफ्तार किया है। दरअसल, डेल्हा में ही राम शरण सिंह इविनिंग कॉलेज है। यह एक प्राइवेट कॉलेज हैं, जिसे साल 2010 में किराए पर बिल्डिंग लेकर खोला गया था। शक्ति कुमार खुद ही इस कॉलेज के प्रिंसिपल भी हैं। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इन्होंने बताया कि साल 2011 में इनके कॉलेज को एफिलिएशन भी मिला था। जो 6ठे साल 2018 में खत्म भी हो गया।

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एफिलिएशन खत्म होने के बाद भी क्यों बनाया सेंटर?
शक्ति कुमार के कॉलेज का एफिलिएशन खत्म हुए 4 साल से अधिक का वक्त हो रहा है। इसके बाद भी यहां हर साल से मैट्रिक और इंटरमीडिएट सहित अलग-अलग एग्जाम का सेंटर लगातार बनाया जाता रहा है। इस साल BPSC ने भी 67वें एग्जाम के लिए इस कॉलेज को अपना सेंटर बनाया था। अब सवाल ये है कि जिस कॉलेज का एफिलिएशन पहले से खत्म था, उसमें इतने बड़े एग्जाम का सेंटर क्यों बनाया गया?

कहीं ये कोई साजिश का हिस्सा तो नहीं? फिलहाल EOU की टीम शक्ति कुमार से पूछताछ कर रही है। उससे कपिलदेव के बारे में पता लगा रही है। इनके नेटवर्क और फरार चल रहे सेटर्स गैंग के सरगना आनंद गौरव से कनेक्शन को भी खंगाल रही है। पेपर लीक मामले में यह 15वीं गिरफ्तारी है।

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