हाइलाइट्स
आज पता चलेगा कि ब्रेन मशीन इंटरफेस डेवलपमेंट कंपनी की ब्रेन चिप योजना कहां तक पहुंची है.
न्यूरालिंक की शुरुआती टीम के काफी सदस्य साल 2016 में शुरू हुई इस कंपनी को छोड़ चुके हैं.
आज के शो में कंपनी ह्यूमन ट्रायल के लिए नियामकीय मंजूरी को लेकर कोई ऐलान कर सकती है.
नई दिल्ली. एलन मस्क ट्वीटर खरीदने के बाद कभी कर्मचारियों को निकालने और कभी उन पर दबाव बनाने के अलग-अलग तरीकों के लिए चर्चा में हैं. वह अक्सर कुछ ना कुछ ऐसा करते रहते हैं कि लोगों की चर्चा के केंद्र में बने रहें. आज हम बात करेंगे उनके उस प्रोजेक्ट की, जिसका वीडियो सामने आने के बाद चर्चा होने लगी थी कि क्या एलन मस्क एक चिप के जरिये लोगों के दिमाग पर कंट्रोल हासिल करना चाहते हैं. दरअसल, उनके प्रोजेक्ट न्यूरालिंक ने साल 2021 में एक वीडियो जारी किया था, जिसमें एक बंदर ‘पेजर’ अपने दिमाग का इस्तेमाल कर वीडियो गेम खेलता हुआ दिखाई दे रहा था. बताया गया कि बंदर के दिमाग में एक चिप डाली गई है.
एलन मस्क के इस प्रोजेक्ट पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और न्यूरो-साइंटिस्ट से लेकर मेडिकल एडवोकेट्स, मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट्स, एक्सपर्ट्स की नजर लगातार बनी हुई है. सभी जानना चाहते हैं कि अरबपति एलन मस्क की कंपनी ब्रेन मशीन इंटरफेस डेवलपमेंट कंपनी की ये योजना कहां तक पहुंच गई है. बता दें कि मस्क इस कंपनी के सह-संस्थापक हैं. मस्क की दो कंपनियां टेस्ला और स्पेस-एक्स जल्दी-जल्दी नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करती रहती हैं. इसके उलट न्यूरालिंक जानवरों में ब्रेन चिप इंप्लांट करने की कोशिश के शुरुआती चरण में ही है. कंपनी का मकसद है कि इसे इंसानों के दिमाग में डालकर उसकी क्षमता को बढ़ाया जा सके. दिमाग को कंप्यूटर से भी जोड़ा जा सकेगा.
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आज के शो में क्या होगा?
अब सवाल ये उठता है कि एलन मस्क 30 नवंबर को न्यूरालिंक शो के जरिये दुनिया को क्या दिखाने की योजना बना रहे हैं? बता दें कि न्यूरालिंक की शुरुआती टीम के काफी मेंबर्स साल 2016 में शुरू हुई इस कंपनी को छोड़ चुके हैं. मस्क 2020 के अंत तक ब्रेन चिप का ह्यूमन ट्रायल शुरू करने के लिए नियामकीय मंजूरी हासिल करना चाहते थे. ऐसे में मस्क अपनी योजना से दो साल पीछे चल रहे हैं. हालांकि, द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूरालिंक ‘क्लीनिकल ट्रायल डायरेक्टर’ की नियुक्ति करना चाहती है. उम्मीद है कि 30 नवंबर आज होने वाले शो में कंपनी ह्यूमन ट्रायल के लिए नियामकीय मंजूरी को लेकर कोई ऐलान कर सकती है.
क्यों हो रही है प्रोजेक्ट में देरी?
न्यूरालिंक का ये शो 31 अक्टूबर को होने वाला, लेकिन मस्क ने अचानक ऐलान कर दिया कि शो एंड टेल 30 नवंबर को होगा. उन्होंने कार्यक्रम में बदलाव का ये संदेश 23 अक्टूबर को पोस्ट किया. इस दौरान टेस्ला के फायउंडर ट्वीटर का अधिग्रहण करने में व्यस्त थे, क्योंकि कोर्ट ने 28 अक्टूबर की डेडलाइन दी थी. न्यूरालिंक की ओर से 9 अप्रैल 2021 को जारी अंतिम वीडियो में एक बंदर ‘पेजर’ बिना किसी की मदद के वीडियो गेम खेलता हुआ नजर आ रहा था. इसमें बताया गया था कि इस बंदर के दिमाग में न्यूरालिंक चिप डाली गई है.
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एक सुअर के ब्रेन में भी डाली गई चिप
न्यूरालिंक ने कहा था कि पेजर ने बहुत ही खुबसूरती से ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस को मैनेज किया है. वीडियो गेम ही नहीं, सामान्य गतिविधियों में भी उसे इस चिप की वजह से कोई दिक्कत नहीं हो रही है. न्यूरालिंक ने इस वीडियो में बताया था कि एक सुअर के ब्रेन में भी ऐसी ही चिप डाली गई है. ब्रेन चिप के साथ बंदर को वीडियो गेम खेलते हुए देखने का अनुभव काफी अच्छा था. ये बंदर दिए गए टास्क को लाइव पूरा कर रहा था.
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‘पेजर’ ने कैसे खेलना सीखा वीडियो गेम?
वीडियो को बनाने से छह हफ्ते पहले ‘पेजर’ के दिमाग में न्यूरालिंक चिप लगाई गई थी. इसके बाद उसे जॉयस्टिक की मद से ऑन स्क्रीन गेम खेलना सिखाया गया. वीडियो में दिख रहा है कि ‘पेजर’ जॉय स्टिक की मदद से रंगीन चौकोर इलाके की ओर गया और उसने वीडियो गेम खेलना शुरू कर दिया. न्यूरालिंक ने मशीन लर्निंग के जरिये पहचान लिया कि ‘पेजर’ चौकोर रंगीन बॉक्स को कहां ले जाएगा. फिर उसके हाथों की हलचल की भी पहचान कर ली.
‘लकवाग्रस्त लोगों के लिए होगी मददगार’
एलन मस्क ने उस समय कहा था, ‘पेजर अपने दिमाग से खेल रहा है. वो ब्रेन चिप का इस्तेमाल करके टेलीपैथी की मदद से वीडियो गेम खेल रहा है.’ साथ ही उन्होंने दावा किया कि न्यूरालिंक प्रोडक्ट की मदद से लकवाग्रस्त मरीज आसानी से स्मार्टफोन इस्तेमाल कर सकेगा. उन्होंने कहा कि अंगुलियों से इस्तेमाल करने के मुकाबले व्यक्ति अपने दिमाग से ज्यादा तेजी से स्मार्टफोन चला सकेगा. इसके बाद के फेजेज में लकवाग्रस्त मरीजों को चलने में मदद की जाएगी.
ब्रेन-चिप के जरिये क्या कर सकेगा इंसान?
मस्क ने कहा कि इंसानी दिमाग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को जोड़ने की कोशिश जारी है. इसकी मदद से इंसान के दिमाग में चिप लगाई जाएगी. इसके बाद दिमाग की हलचल को रिकॉर्ड किया जाएगा. ये चिप इंसान की दिमागी गतिविधियों पर असर भी डाल सकेगी. पारकिंसन्स जैसी बीमारी के इलाज में इसका इस्तेमाल महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने कहा था कि टीवी सीरीज ब्लैक मिरर की तरह चिंप यादें सेव करके दोबारा प्ले कर सकेगी. यही नहीं, इंसान टेलिपैथी के जरिये कार भी बुला सकेंगे. हालांकि, इन दावों को सच मानना विशेषज्ञों के लिए फिलहाल मुश्किल है.
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Tags: Elon Musk, Tech News in hindi, Tesla, Twitter
FIRST PUBLISHED : November 30, 2022, 08:30 IST
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