
साल 2016 का बजट दिवंगत अरूण जेटली (Arun Jaitley) ने पेश किया था. अपने बजट भाषण में उन्होंने भी मोदी सरकार के सामने खड़ी चुनौतियों से सदन को रूबरू कराने के लिए उर्दू नज्म का सहारा लिया. जिसकी पंक्तियां कुछ इस तरह हैं- ‘कश्ती चलाने वालों ने जब हार कर दी पतवार हमें, लहर लहर तूफान मिलें और मौज-मौज मझधार हमें, फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको, इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें.’
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