हाइलाइट्स
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे वार मेमोरियल
महार रेजीमेंट सेंटर में किया शहीदों को नमन, जवानों से मिले
मध्यप्रदेश के सागर जिले में आयोजित सैनिक सम्मेलन में शामिल हुए
सागर (मध्यप्रदेश). उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने सोमवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले में महार रेजिमेंट में आयोजित सैनिक सम्मेलन में शामिल हुए. यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजिमेंट के वीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना हिलोरे लेने लगती थी. यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे आप सभी वीर सैनिकों के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है. सेना हमारी रक्षक, हमारा मस्तक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन में जिस दिन वह सागर आए वो उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक दिन था. मुख्यमंत्री, महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर अपने स्वर्गीय पिता को याद कर भावुक हो गए. उनके पिता स्व. शेर सिंह धामी, महार रेजीमेंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जहां एक ओर हमारी यह रेजिमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है. वहीं इसका प्रत्येक सैनिक, भारत की महान संस्कृति व गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वार मेमोरियल का अवलोकन किया.
जब भी दुश्मन ने ललकारा है, भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब दिया
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक, दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं. जब भी दुश्मन ने ललकारा है, भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है. भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है. आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व वह यहां एक बालक के रूप में आये थे जिसके लिए ये पूरा परिवेश किसी स्वप्नलोक से कम नहीं था.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महार रेजीमेंट के सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से मिले.
सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज वह सेना में तो नहीं हैं परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता. देश की पहली मशीनगन रेजीमेंट होने के साथ-साथ देश को दो सेना प्रमुख देने का गौरव भी इस रेजिमेंट के साथ जुड़ा हुआ है. सीमाओं की सुरक्षा करने से लेकर युद्ध के मैदान तक महार रेजिमेंट का एक-एक सैनिक अपना सर्वोच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहा है. 1962 का युद्ध हो या 1971 का… हमारे वीर जवानों ने हमेशा अपनी वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को मात दी है.
अमर बलिदान देने वाले जवानों को किया नमन
मुख्यमंत्री ने ‘ऑपरेशन पवन’ के नायक रहे महार रेजिमेंट के अमर शहीद मेजर रामास्वामी परमेश्वरन तथा देश के भीतर आतंकियों से लोहा लेते हुए अमर बलिदान देने वाले सूबेदार मेजर सुरेश चंद यादव को नमन करते हुए कहा कि महार रेजिमेंट में ऐसे वीरों की लंबी श्रृंखला है, जिन्होंने मां भारती के यश को अक्षुण्ण रखने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और तिरंगे की आन-बान और शान को फीका नहीं पड़ने दिया. उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है. आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता, साहस और अपराजेयता पर इस राष्ट्र को अभिमान है.
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Tags: CM Pushkar Singh Dhami
FIRST PUBLISHED : October 17, 2022, 20:42 IST
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