
नई दिल्ली. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) के शुरू होने में महज कुछ घंटे शेष रह गए हैं. आगामी गेम्स के लिए कुछ खिलाड़ी बर्मिंघम पहुंच चुके हैं. जबकि कुछ खिलाड़ी वैश्विक टूर्नामेंटों में भाग लेने के बाद यहां आएंगे. भारतीय दल ने कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में पहली बार साल 1934 में हिस्सा लिया था. यह गेम्स दूसरा सीजन था. तब से अबतक इस गेम्स में भारतीय खिलाड़ी 17 सीजन में हिस्सा ले चुके हैं. इस दौरान देश को 503 मेडल मिले हैं. इसमें 181 गोल्ड, 173 सिल्वर और 149 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. साल 2010 भारत के लिए यादगार सीजन रहा. दरअसल इस साल भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार खेल का परिचय देते हुए कुल 101 मेडल अपने नाम किए. इस दौरान भारत 38 गोल्ड मेडल के साथ ओवरऑल दूसरे पायदान पर रहा था.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के शुरू होने से पहले एक बार फिर देशवासियों को खिलाड़ियों से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है. ब्रिटिश सरजमीं पर भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी शानदार रहा है. ऐसे में इस सीजन के शुरू होने से पहले बात करें देश को किन खेलों में मेडल मिलने के ज्यादा आसार है, तो हम आपको भारतीय टीम ताकत और कमजोरी के बारे में बता रहे हैं:
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कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ताकत
1- भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स के चार सीजन (1930, 1950, 1962 और 1986) को छोड़कर प्रत्येक सीजन में भाग लिया है. इस दौरान देश को सर्वाधिक मेडल शूटिंग में मिले. लेकिन इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को शामिल नहीं किया गया है. जिससे भारतीय उम्मीदों को बहुत बड़ा झटका लगा है. देश को शूटिंग में कुल 135 मेडल प्राप्त हुए हैं. इसमें 63 गोल्ड, 44 सिल्वर और 28 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
2- शूटिंग के बाद भारत को जिस खेल में सर्वाधिक पदक प्राप्त हुए हैं, वह है वेटलिफ्टिंग. ऐसे में इस साल भारतीय प्रशंसकों को वेटलिफ्टरों से काफी उम्मीदें रहेंगी. भारत 1990, 2002 और 2018 में वेटलिफ्टिंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला देश रहा है. कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में इस खेल में भारत 125 मेडल के साथ दूसरे स्थान पर स्थित है. इन खेलों की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में उससे अधिक पदक सिर्फ ऑस्ट्रेलिया (159) के नाम है. पिछले कुछ टूर्नामेंट में हालांकि ऑस्ट्रेलिया का दबदबा कम हुआ है, जबकि भारतीय धुरंधरों का रुतबा बढ़ा है.
3- भारतीय पहलवानों ने गेम्स में अब तक 102 पदक अपने नाम किए हैं. यही नहीं भारतीय पहलवान कुश्ती में सबसे ज्यादा पदक जीतने के मामले में कनाडा के बाद दूसरे स्थान पर स्थित हैं. भारत ने कुश्ती में 43 स्वर्ण, 37 रजत और 22 कांस्य पदक अपने नाम किए हैं. भारतीय पहलवान जब कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए मैदान में उतरेंगे, तो उनसे एक बार फिर कई पदकों की उम्मींद रहेगी.
4- वेटलिफ्टिंग और रेसलिंग के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का जलवा बॉक्सिंग और बैडमिंटन में भी रहा है. यहां खिलाड़ियों ने बॉक्सिंग में 37 और बैडमिंटन में कुल 25 मेडल अपने नाम किए हैं. भारतीय बॉक्सरों को कॉमनवेल्थ गेम्स में अबतक 8 स्वर्ण, 12 रजत और 17 कांस्य पदक प्राप्त हुए हैं. वहीं बैडमिंटन में 7 स्वर्ण, सात रजत और 11 कांस्य पदक हासिल हुए हैं. बॉक्सिंग और बैडमिंटन में एक बार फिर भारतीय फैंस को पदक की आस रहेगी.
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की कमजोरी
1- कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की सबसे कमजोर कड़ी स्विमिंग रही है. देश को यहां महज एक कांस्य पदक हासिल हुआ है. दरअसल इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हमेशा से ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और चीनी खिलाड़ियों का दबदबा रहा है. हालांकि इस बार उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ी इस खेल में भी मेडल हासिल करेंगे.
2- स्वीमिंग की ही तरह जिम्नास्टिक और जूडो में भी भारतीय दल का हाल खस्ता रहा है. टीम को जिम्नास्टिक में 3 तो जूडो में 8 पदक हासिल हुए हैं. हाल यह है कि इन खेलों में भारत को अब भी अपने पहले स्वर्ण पदक की आस है.
3- टेनिस और स्क्वाश में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन सोचनीय रहा है. भारतीय दल को टेनिस में एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य के साथ जहां केवल कुल चार पदक हासिल हुए हैं. वहीं स्क्वाश में एक स्वर्ण और दो रजत के साथ तीन और हॉकी में एक स्वर्ण और तीन रजत के साथ कुल चार पदक मिले हैं.
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Tags: Birmingham, Commonwealth Games
FIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 13:19 IST
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