
नई दिल्ली. देश में डिजिटल लेन-देन (Digital Transactions) और सोशल मीडिया का चलन तेजी से बढ़ रह है. इसके साथ ही वित्तीय और निजी जानकारियों के लीक होने तथा आर्थिक धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. साइबर अपराधी कई तरीकों से आपके कीमती डेटा, पहचान और पैसों इत्यादि की चोरी कर सकते हैं या उनको नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस तरह के होने वाले साइबर क्राइम (cyber crime) से बचाव में साइबर इंश्योरेंस (Cyber Insurance) बहुत मददगार है. साइबर इंश्योरेंस में पॉलिसी धारक को विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम और फ्रॉड के खिलाफ कवर दिया जाता है.
साइबर इंश्योरेंस साइबर फ्रॉड से नुकसान की भरपाई के अलावा तीसरे पक्ष के दावे की वजह से आई वित्तीय देनदारियों को भी कवर करता है. फिशिंग और ईमेल स्पूफिंग का शिकार बनाकर अगर कोई आपके पैसे हड़प लेता है तो इस साइबर क्राइम से आपको हुए नुकसान की भरपाई भी बीमा कंपनी करती है. यही नहीं कॉम्प्रिहेंसिव साइबर इंश्योरेंस प्लान किसी साइबर हमले का शिकार होने के बाद हुए मानसिक आघात, तनाव या घबराहट की वजह से अगर बीमाधारक को मेडिकल काउंसलिंग लेनी पड़े तो, इस पर हुए खर्च की भी भरपाई करता है.
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इन बातों का रखें ध्यान
साइबर इंश्योरेंस लेते वक्त बीमा पॉलिसी को अच्छी तरह समझना चाहिए. आपको पता होना चाहिए कि पॉलिसी से आपको क्या सुरक्षा मिलेगी. साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी 10 से 15 तरह के साइबर खतरों से सुरक्षा प्रदान करते हैं. आपकी साइबर सुरक्षा आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण है, इसी को देखते हुए बीमा कवर की लिमिट चुननी चाहिए. अगर आप बहुत ज्यादा ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपको ज्यादा लिमिट वाली पॉलिसी लेनी चाहिए.
कई कंपनियां डिडक्टिबल की शर्तें लागू करती हैं. इसमें पॉलिसीधारक को स्वयं को हुई हानि की भरपाई पहले अपनी जेब से करनी होती है और उसके बाद बीमा कंपनियां भुगतान करती हैं. कई कंपनियों का प्रीमियम कम होता है, लेकिन डिडक्टिबल ज्यादा. साइबर इंश्योरेंस लेते वक्त ध्यान रखें की भले ही आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़े, लेकिन डिडक्टिबल को कम रखना चाहिए.
ये नुकसान होते हैं कवर
- डेटा या कंप्यूटर प्रोग्राम को हुए नुकसान के बाद रिस्टोरेशन और इंस्टॉलेशन खर्च.
- ईमेल स्पूफिंग, फिशिंग के चलते हुआ नुकसान.
- बैंक अकाउंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड या ई-वॉलेट से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी.
- गोपनीयता पर हमले से पर्सनल इमेज को हुआ नुकसान.
- पहचान की चोरी के बाद मुकदमेबाजी की लागत से जुड़े नुकसान और खर्च.
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Tags: Insurance, Personal finance
FIRST PUBLISHED : June 07, 2022, 08:00 IST
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