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हाइलाइट्स

सूर्य की धनु राशि में प्रवेश की घटना धनु संक्रांति कहलाती है.
धनु संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है.
सूर्य देव को लाल रंग के फूल चढ़ाने चाहिए और सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए.

Dhanu Sankranti 2022: आज सूर्य की धनु संक्रांति है. आज सुबह सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य की धनु में प्रवेश की घटना धनु संक्रांति कहलाती है. संक्रांति का क्षण इतने कम समय का होता है कि उसमें स्नान-दान करना कठिन होता है, इस वजह से संक्रांति के पुण्य काल में स्नान-दान और पूजा पाठ किया जाता है. संक्रांति में हमेशा सूर्य की महत्ता होती है क्योंकि वे सभी ग्रहों के राजा हैं और साक्षात् देव हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि धनु संक्रांति का क्षण क्या है और स्नान-दान एवं सूर्य पूजा का क्या महत्व है.

धनु संक्रांति 2022 का क्षण
सूर्य देव आज 16 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे. यह समय धनु संक्रांति का क्षण होगा. इसके साथ ही खरमास भी शुरू हो जाएगा.

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धनु संक्रांति 2022 का पुण्यकाल
आज की धनु संक्रांति का पुण्य काल सुबह 10 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 42 मिनट तक है. इस समय पुण्य काल की कुल अवधि 05 घंटे 31 मिनट की है. धनु संक्रांति का महापुण्य काल 01 घंटा 43 मिनट का है. यह सुबह 10 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 54 मिनट तक होगा.

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धनु संक्रांति का फल
सूर्य की धनु संक्रांति विद्वान और शिक्षित लोगों के लिए शुभ फल देने वाली है. लोगों की सेहत में सुधार होने की संभावनाएं बनेंगी. धन-धान्य में वृद्धि होगी. हालांकि कुछ बातों को लेकर लोगों को चिंताएं भी सता सकती हैं, जिससे उनको भय हो सकता है.

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धनु संक्रांति का स्नान दान
धनु संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. पितरों को जल से तर्पण करते हैं. उसके बाद सूर्य देव को जल, फूल, अक्षत्, चंदन से अर्घ्य देते हैं. इसके बाद गर्म कपड़े, तिल, गेहूं, कंबल आदि का दान करते हैं. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है.

सूर्य पूजा का महत्व
सं​क्रांति के दिन स्नान के बाद लाल या नारंगी वस्त्र पहनकर सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. ये रंग सूर्य देव का प्रिय है. सूर्य देव को लाल रंग के फूल चढ़ाने चाहिए और सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए. इस दिन आप सूर्य देव को तिल और चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं. इससे सूर्य देव अतिप्रसन्न होंगे. सूर्य देव की कृपा से आपको जीवन में सफलता, धन, धान्य, सुख आदि की प्राप्ति होगी. सूर्य पूजा के समय आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha

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