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दिल्ली. दिल्ली सरकार 21 अक्टूबर को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में पटाखों पर पाबंदी के बारे में जन जागरूकता फैलाने के लिए, “दीए जलाओ पटाखे नहीं” कार्यक्रम का आयोजन कर रही है, जिसमें 51 हजार दिए जलाए जाएंगे.

दिवाली पर प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली सरकार जन जागरूकता अभियान चलाएगी, जिसके तहत सरकार ना केवल लोगों को दिए जलाने के लिए प्रोत्साहित करेगी, बल्कि अगर कोई पटाखों का उत्पादन, बिक्री या जलाता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया जाएगा. पटाखे जलाने या भंडारण करने पर 200 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक का जुर्माना या 6 महीने से 3 साल तक की जेल हो सकती है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि “दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को लागू करवाने के लिए दिल्ली पुलिस,  रेवन्यु  विभाग तथा दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल कमेटी(डीपीसीसी) की टीमें बनाई गई हैं. कुल 408 टीमें  गठित की गई हैं. इन टीमों में 1289 कर्मचारियों/अधिकारियों को लगाया गया है, जो  पटाखों के पूर्ण प्रतिबंध को दिल्ली में लागू करवाने के लिए काम कर रहे हैं. अभी तक पटाखों की बिक्री/भंडारण से संबंधित 188 उल्लंघन पाए गए हैं और वहॉं से लगभग 2917 किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए है. जो लोग पटाखों के पूर्ण प्रतिबंध (उत्पादन/भंडारण/बिक्री) का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ एक्प्लोसिव एक्ट के सेक्शन 9 B के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 5 हजार रूपए का जुर्माना और 3 साल की सजा का प्रावधान है. जो व्यक्ति पटाखे जलाते हुए पाए जाएंगे, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 268 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 200 रूपए का जुर्माना और 6 महीने की सजा का प्रावधान है.”

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गोपाल राय ने कहा कि ठंड के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 प्वाइंट विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है, जिसपर सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ हुई मीटिंग में पटाखों पर प्रतिबंध से संबंधित मुद्दा उठाया था और आज भी मैं केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन कर रहा हूँ कि जिस प्रकार दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, उसी प्रकार एनसीआर के राज्यों में पाबंदी लगाना चाहिए. क्योंकि एनसीआर में छोड़े गए पटाखों का बुरा असर दिल्ली की हवा पर पड़ता है और दिवाली के अगले दिन दिल्लीवासियों को ऑंखों में जलन तथा सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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