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पटनाएक घंटा पहले

आर्थिक अपराध इकाई मुख्यालय की फोटो।

आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के रडार पर बिहार में अलग-अलग जगहों पर पोस्टेड एक दर्जन से अधिक अधिकारी आ गए हैं। वर्तमान में इन अधिकारियों की पोस्टिंग बिहार सरकार के अलग-अलग डिपार्टमेंट में है। कोई बिहार प्रशासनिक सेवा के तहत सीनियर ADM है तो कोई बिहार पुलिस में DSP है। कोई लेवर इंफोर्समेंट तो कोई कॉमर्शियल टैक्स का अधिकारी है। इन सभी का कनेक्शन बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के 67वें एग्जाम के क्वेश्चन पेपर लीक कांड से जुड़ गया है। BPSC का एग्जाम पास कर अधिकारी बने एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की नौकरी भी संदेह के घेरे में आ चुकी है।

जेल भेजे गए डीएसपी से है कनेक्शन

दरअसल, इन सभी के कनेक्शन इस केस में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए DSP रंजीत कुमार रजक से है। EOU के अनुसार सभी संदिग्ध रंजीत कुमार रजक के बाद ही BPSC का एग्जाम पास कर सरकारी नौकरी में आए हैं। इन सभी के रिटेन एग्जाम नंबर काफी अधिक हैं, जबकि इंटरव्यू में मिले नंबर काफी कम हैं। संदेह के घेरे में आए इन अधिकारियों से पूछताछ का सिलसिला शुरू हो चुका है। EOU के अनुसार इनमें कुछ संदिग्ध अधिकारियों से पूछताछ हो चुकी है और बाकी के अधिकारियों से भी एक-एक कर पूछताछ होगी। ये सभी संदिग्ध BPSC के 56वीं से 59वीं और 63वीं एग्जाम में शामिल हुए थे।

जांच के लिए निकलवाई जा रही है कॉपी

संदेह के घेरे में आए इन अधिकारियों की कुंडली को EOU ने शुरुआत से ही खंगालना शुरू कर दिया है। इसके लिए इस जांच एजेंसी की अलग-अलग टीम अलग-अलग तरीकों से लगातार काम कर रही है। EOU से जुड़े सूत्र के अनुसार BPSC से संदेह के घेरे में आए अधिकारियों के दिए गए मेंस एग्जाम के कॉपियों को मांगा गया है। जिनकी अब जांच होगी। क्योंकि, शक इस बात का है कि इनकी कॉपी अलग से निकाल कर लिखी गई है।

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बड़ा सवाल- कॉपियां बाहर निकली कैसे?

इस बात का पता चलने के बाद जांच एजेंसी ने सवाल उठाया है कि उस वक्त कॉपियां बाहर निकली कैसे? कॉपियों पर सवालों के जवाब किन लोगों ने लिखे थे? क्या स्ट्रांग रूम से जुड़े किसी व्यक्ति की इसमें कोई भूमिका थी? इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए BPSC के कई स्टाफ भी EOU के रडार पर आ चुके हैं। इस मामले में इनसे भी पूछताछ होगी। पेपर लीक कांड की जांच करते हुए EOU ने गया से जदयू नेता और राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल शक्ति कुमार को गिरफ्तार किया था। फिर रिमांड पर लेकर इससे पूछताछ हुई थी। तब शक्ति ने ही BSAP के DSP रंजीत कुमार रजक का नाम लिया था। जिसके बाद तीन बार की पूछताछ के बाद इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

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