epfo e0a495e0a587 e0a4a8e0a48f e0a4b8e0a4ace0a58de0a4b8e0a495e0a58de0a4b0e0a4bee0a487e0a4ace0a4b0 e0a4aee0a587e0a482 e0a486e0a488 e0a4ad
epfo e0a495e0a587 e0a4a8e0a48f e0a4b8e0a4ace0a58de0a4b8e0a495e0a58de0a4b0e0a4bee0a487e0a4ace0a4b0 e0a4aee0a587e0a482 e0a486e0a488 e0a4ad 1

नई दिल्ली. इन दिनों दुनियाभर की टेक कंपनियों पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है जिससे पार पाने के लिए बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों की छटनी कर रही है. भले ही नौकरियों में कटौती दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रही है, लेकिन भारत में इसे कयामत का दिन कहना जल्दबाजी होगी. सरकार के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा जारी आंकड़ों ने सितंबर में नई नौकरियों की संख्या में 930,000 की गिरावट दिखाई.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नवीनतम पेरोल डेटा से पता चला है कि सितंबर में लगातार दूसरे महीने नई नौकरियों में गिरावट आई है. सरकार द्वारा जारी ईपीएफओ के आंकड़ो में नए सब्सक्राइबर्स में आई गिरावट से साफ है कि नए रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Updated ITR के जरिए अब तक जमा हुआ ₹400 करोड़ का टैक्स, जानिए क्या होता है अपडेटेड आईटीआर

बेरोजगारी चार साल के निचले स्तर पर
बढ़ती महंगाई के बीच सितंबर में नई नौकरियों के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है. जुलाई के मुकाबले अगस्त के महीने में नए ईपीएफओ (EPFO) सब्सक्राइबर्स की संख्या में बड़ी कमी आई है. अगस्त में, 10,26,274 नए सब्सक्राइबर्स ने ईपीएफओ के साथ रजिस्ट्रेशन किया, जो जुलाई में 11,42,149 था. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों से पता चला है कि सितंबर में बेरोजगारी चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आ गई, जबकि अक्टूबर में यह 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई.

ये भी पढ़ें: Paytm Share के निवेशक दुनिया के सबसे बड़े लूजर, एक लाख का आईपीओ खरीदने वाले के पास रह गए 25 हजार रुपये

READ More...  आपकी कहानी गुंजेगी दुनिया में, साथ ही मिलेंगे 17 लाख तक के इनाम, बस करें एक छोटा सा काम

EPFO डेटा चिंता का कारण क्यों नहीं है?
डॉ बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ एनआर भानुमूर्ति कहते हैं कि जहां तक ​​भारतीय अर्थव्यवस्था का संबंध है, व्यापक संकेतक सुधार में वृद्धि दर्शाते हैं. उदाहरण के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह 8 सितंबर, 2022 तक, 6.48 लाख करोड़ रुपये की स्थिर वृद्धि दर्शाता है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के सकल संग्रह से 35.46 प्रतिशत अधिक है. सेवा क्षेत्र ने सितंबर में विकास की गति में कमी दिखाई, क्योंकि एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स गिरकर 54.3 पर आ गया. इन आकंड़ों से पता चलता है कि रिकवरी हो रही है. सभी क्षेत्रों में नौकरियां सृजित हो रही हैं.

Tags: Epfo, EPFO account, EPFO subscribers

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)