
प्रज्ञा कौशिक
नई दिल्ली: अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे विरोध-प्रदर्शन को लेकर पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने विपक्ष पर बड़ा आरोप लगाया है. News18 से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक भीड़ को विपक्षी दलों ने उकसाया और गुमराह किया है. केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने अग्निपथ योजना का समर्थन किया है.
वी के सिंह ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि सेना को रोजगार पैदा करने के लिए एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि योजना के माध्यम से थल सेना, नौसेना और वायु सेना में प्रवेश करने वाले ‘अग्निवर’ को अन्य सैनिकों और अधिकारियों की तरह प्रशिक्षित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर अग्निवीरों के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में गलत धारणाएं फैलाई जा रही हैं.
सवाल: आपने सेना प्रमुख के रूप में कार्य किया है. आपको क्या लगता है कि अग्निपथ भारतीय सशस्त्र बलों को कैसे प्रभावित करेगा?
वी के सिंह: भारतीय सशस्त्र बलों ने कई विषम परिस्थितियों अलगअलग तरह के प्रयास किए. 1961 में हम सेना में और अधिक सैनिकों को लाने के लिए आपातकालीन कमीशन लेकर आए. 1962 से 1965 तक उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और उन्हें इस पर कभी कोई अफसोस नहीं रहा. उनका तीन महीने का प्रशिक्षण था.
वी के सिंह: 1965 में हमने आपातकालीन आयोग को खत्म करने का फैसला किया. इसके बाद प्रशिक्षण की अवधि 9 महीने और कमीशन की अवधि पांच साल थी. 5 साल बाद हमने प्रदर्शन का आकलन किया और बाकी लोगों को छोड़ने के लिए कहा गया. इसमें ना कोई पेंशन थी और ना एकमुश्त राशि.
सवाल: क्या आपको लगता है कि सेना में 6 महीने का प्रशिक्षण पर्याप्त होगा और इससे ट्रेनिंग की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी?
वी के सिंह: यह कहना गलत है कि छह महीने का प्रशिक्षण गुणवत्ता को प्रभावित करेगा. जवान की ट्रेनिंग एक साल की होती है. उसकी ट्रेनिंग यूनिट में लगातार होती है. हालांकि इसका प्रभाव अच्छा, बेहतर हो सकता है या पाठ्यक्रम में कुछ सुधार की आवश्यकता पड़ सकती है.
सवाल: वे छात्र बहुत चिंतित हैं जिन्होंने परीक्षा दी और एग्जाम क्लियर किया व दो साल से इंतजार कर रहे हैं. अपने करिअर की अनिश्चितताओं को लेकर वे परेशान हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं.
वी के सिंह: वे सभी छात्र जिन्होंने परीक्षा दी है. वे यह कैसे मान सकते हैं कि सिर्फ परीक्षा दी है तो वे चयनित हो जाएंगे? लिखित परीक्षा की गणना की जाएगी. हालांकि मेरा मानना है कि इस संबंध में सरकार उचित निर्णय लेगी. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि सरकार युवाओं की मदद करने की कोशिश कर रही है.
सवाल: अग्निपथ योजना की परीक्षा नियमित सैन्य भर्ती से किस तरह अलग होगी?
वीके सिंह: यह बिल्कुल अलग नहीं होगी. सभी प्रक्रियाएं एक समान होंगी. अग्निवीरों को समान सुविधाएं, अवॉर्ड और इंश्योरेंस मिलेंगे. सभी नियम एक जैसे होंगे.
सवाल: ‘अग्निवीरों’ को बेरोजगारी को दूर करने के सरकार के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
सेना रोजगार देने का माध्यम नहीं है. आप पूरे दिल से देश की सेवा करने के लिए शपथ लेते हैं कि आप मरने पर भी नहीं झुकेंगे. आप स्वेच्छा से यह शपथ लेते हैं. यहां रोजगार के अवसर की बात कैसे हो सकती है? हम कितनों को किराए पर ले सकते हैं? इससे बेरोजगारी को कैसे हल किया जा सकता है?
सवाल: अग्निपथ योजना को लेकर देश के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, इसे आप कैसे देखते हैं?
वीके सिंह: हिंसा के लिए विपक्षी दल युवाओं को उकसा रहे हैं और उन्हें हिंसक प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि जरूरतमंद युवा हमारी बात सुनेंगे.
सवाल: क्या आप मानते हैं कि सरकार को योजना की घोषणा के साथ उन लोगों के लिए वैकल्पिक योजनाओं को स्पष्ट करना चाहिए जो चार साल बाद सेना में नहीं रहेंगे?
वीके सिंह: जब आप रिक्रूटमेंट स्कीम की बात करते हैं तो किसी व्यक्ति के सेना में शामिल होने के बाद लेटरल एंट्री एक अलग मुद्दा है. हम इतने सालों से लेटरल इंडक्शन के लिए लड़ रहे हैं. इस संबंध में हमने बहुत सारे प्रस्ताव दिए हैं ताकि हमें युवा मिलें. हमें प्रशिक्षित लोग मिलेंगे, जैसे-जैसे उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा, उन्हें इसमें शामिल किया जाएगा.
सवाल: एक और चिंता यह है कि इन युवाओं शिक्षा का क्या होगा?
वीके सिंह: यह सवाल विपक्ष के माध्यम से आया है. शायद वे सेना को नहीं जानते हैं. हमारे जवान के पास एक शिक्षा प्रणाली है जो मुक्त विश्वविद्यालय के समान है. लोगों को परीक्षा के बाद डिप्लोमा या डिग्री मिलती है. यदि कोई व्यक्ति अपनी शिक्षा जारी रखना चाहता है, तो वह कर सकता है. वे कॉलेज जा सकते हैं और उन्हें रियायतें मिलेंगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Agniveer, Indian army
FIRST PUBLISHED : June 18, 2022, 18:12 IST
Article Credite: Original Source(, All rights reserve)