
नई दिल्ली: गुजरात 2002 के दंगों को लेकर विशेष जांच दल ने अहम खुलासा किया है. इन दंगों को लेकर तत्कालीन गुजरात सरकार और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश रची गई थी. दरअसल दंगों के थोड़े दिन बाद अहमदाबाद सर्किट हाउस में तीस्ता सीतलवाड़, कांग्रेस के एक दिग्गज नेता और बाकी लोगों की बकायदा मीटिंग हुई थी जिस में तीस्ता को 25 लाख रुपए दिए गए थे.
बताया जा रहा है कि पूर्व आईपीएस आर बी श्री कुमार और संजीव भट्ट ने भी इसमें बढ़चढकर हिस्सेदारी की थी. खुफिया विभाग में काम करने वाले संजीव भट्ट ईमेल के जरिए दिग्गज कांग्रेस नेता से लगातार संपर्क में थे. कई ईमेल में संजीव भट्ट द्वारा कई पेलेजीस मिलने का जिक्र है. तीस्ता सीतलवाड़ राज्यसभा सांसद बनना चाहती थी यह बात उन्होंने कांग्रेस के नेता से कही थी.
दंगा पीड़ित कुतुबुद्दीन अंसारी को बनाया था मुखौटा
SIT का दावा है कि गुजरात सरकार और बाकी लोगों के खिलाफ उन्हें बदनाम करने की बड़ी साजिश, फर्जी थ्योरी चलाने के कारण ही 2007 में उन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजा गया था. कुतबुद्दीन अंसारी की एक प्रमुख तस्वीर जो गुजरात दंगों की एक पहचान बनी थी, उसी कुतुबुद्दीन अंसारी ने अपने बयान में तीस्ता और बाकी लोगों पर संगीन आरोप लगाए.
अंसारी के बयान के मुताबिक उनका चेहरा जगह जगह दिखाकर तीस्ता ने फंड इकठ्ठा किया और उसका बेजा इस्तेमाल किया. जब अंसारी को समझ आया की तीस्ता और उनके संगठन उसका इस्तेमाल कर रहे है उसने तीस्ता से पीछा छुड़ा लिया.
बता दें कि, इस मामले में गुजरात एटीएस की टीम ने मुंबई से तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया था. उन पर पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और पूर्व DGP आर बी श्री कुमार के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर साजिश के तहत गलत प्रोसिडिंग शुरू करवाने का मामला दर्ज किया. वहीं जकिया जाफरी की याचिका को खारिज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों में तीस्ता सीतलवाड़ की भूमिका पर और जांच की जरूरत बताई थी. अदालत ने कहा कि जो लोग कानून से खिलवाड़ कर रहे हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
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Tags: Gujarat Riots, PM Modi
FIRST PUBLISHED : July 15, 2022, 23:37 IST
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