
हाइलाइट्स
मोहसिन अहमद जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग का सेकंड ईयर का छात्र है.
मूल रूप से बिहार के पटना का रहने वाला मोहसिन दो साल पहले इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोटा गया था.
वहां वह कथित रूप से इस्लामिक स्टेट से जुड़ी महिला के संपर्क में आया और फिर उसके लिए फंड जुटाने में लगा.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाटला हाउस से बीते शनिवार को गिरफ्तार किए गए मोहसिन अहमद को दिल्ली की अदालत ने 16 अगस्त तक के लिए एनआईए की रिमांड में भेज दिया है. 22 वर्षीय मोहसिन इस्लामिक स्टेट (IS) का सक्रीय सदस्य बताया जा रहा है. एनआईए से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने CNN-News18 को बताया कि मोहसिन अहमद जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग का सेकंड ईयर का छात्र है और वह आतंकी संगठन के लिए फंड जुटाने का काम कर रहा था.
मूल रूप से बिहार के पटना का रहने वाला मोहसिन अहमद दो साल पहले इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था. सूत्रों ने बताया कि इस दौरान वह मध्य पूर्व एशिया और सीरिया में खुद को इस्लामिक स्टेट बताने वाले अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के गुर्गों के संपर्क में आया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह इस समूह के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में रहने लगा और कट्टरपंथी हो गया.
कट्टरपंथी ट्रेनिंग के दौरान अहमद को 28 साल की एक महिला आतंकी के संपर्क में रखा गया, जिसने उसे जिहाद के लिए फंड इकट्ठा करने और उसे क्रिप्टोकरेंसी के जरिये सीरिया में अलहोल कैंप भेजने के लिए कहा. यह अलहोल कैंप महिला जिहादी लड़ाकों के लिए बनाया गया है.
‘जिहादी लव’ का हुआ शिकार
सूत्रों के मुताबिक, अहमद ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे महिला से प्यार हो गया. एनआईए के अधिकारी इसे हनी ट्रैप या जिहादी लव करार देते हैं. सूत्रों का दावा है कि अलहोल कैंप की महिलाएं इसी ‘जिहादी लव’ के जरिये दुनिया भर में पैसा इकट्ठा करती हैं.
सूत्रों के मुताबिक, अहमद ने बताया कि IS के लिए बड़ी फंडिंग अफगानिस्तान में ड्रग्स के कारोबार से आती है. बटला हाउस में बैठे-बैठे वह क्राउडफंडिंग के लिए सीरिया, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित दुनिया भर के कई लोगों के संपर्क में आया. उसने फिर क्रिप्टो ट्रेडिंग शुरू की और मुख्य रूप से बिटकॉइन में पैसा लगाया.
वह क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पैसा इकट्ठा कर रहा था. सूत्र ने बताया कि भारत में उसने UPI के जरिये करीब 4 लाख रुपए जमा किए. NIA इस मामले में WazirX और दूसरे क्रिप्टो वॉलेट की भी जांच कर रही है.
सूत्रों ने कहा, ‘ स्वतंत्रता दिवस से पहले यह एक बड़ी गिरफ्तारी है. अहमद बेहद कट्टरपंथी हो चुका था और कुछ बड़ी प्लानिंग कर रहा था. उसे इसीलिए उठाया गया ताकि वह कोई बड़ी साजिश अंजाम न दे सके. हम यूनिवर्सिटी और कोटा में उसके सहयोगियों की जांच कर रहे हैं.’
स्वतंत्रता दिवस के पहले कुछ बड़ी साजिश
NIA ने स्वतंत्रता दिवस से पहले भारत के खिलाफ ‘बड़े हमले’ की साजिश नाकाम करते हुए महाराष्ट्र सहित देशभर के सात राज्यों में 13 जगहों पर छापेमारी करते हुए आईएस से कथित संबंधों के चलते 48 लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें से 13 लोग 1 अगस्त को, 35 लोग 31 जुलाई को हिरासत में लिए गए.
शीर्ष खुफिया सूत्रों की ओर से दी खास जानकारी के अनुसार, जुफरी जौहर दामोदी से पूछताछ में इन लोगों के बारे पता चला था. दामोदी को इस्लामिक स्टेट से कथित संबंध के चलते अगस्त 2021 में कर्नाटक के भटकल से गिरफ्तार किया गया था.
सूत्र ने CNN-News18 को खासतौर से बताया कि दामोदी से मिले सुराग के साथ ही एजेंसी पिछले एक साल से भारत केंद्रित इस्लामिक स्टेट की मैगजीन ‘वॉयस ऑफ हिंद’ पर नजर रख रही थी. सूत्रों ने कहा, एजेंसी ने देखा कि मैगजीन में भारत की जमीनी स्थिति के बारे में बहुत ही बारीकी से बताया गया था, जो स्थानीय संसाधनों के बिना संभव नहीं हो सकता था. इसके चलते वे आईएस से जुड़े 48 लोगों तक पहुंचे. एजेंसी के सूत्र ने कहा कि 48 लोग वॉयस ऑफ हिंद और ISKP से जुड़े दूसरेसमूहों के लिए कंटेंट बना रहे थे.’
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Tags: Islamic state, NIA
FIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 11:22 IST
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