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हाइलाइट्स

कार्ड टोकनाइजेशन में आपकी कार्ड की डिटेल्स को यूनिक कोड से बदल दिया जाता है.
इसके बाद मर्चेंट ऐप या वेबसाइट आपकी कार्ड की जानकारी सेव नहीं कर पाएंगे.
आरबीआई का दावा है कि इससे ऑनलाइन खरीदारी के समय ग्राहकों को अधिक सुरक्षा मिलेगी.

नई दिल्ली. 1 अक्टूबर से कार्ड टोकनाइजेशन देश भर में लागू हो गया. इसका मकसद ग्राहक को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के समय व उसके बाद अधिक सुरक्षा प्रदान करना है. कार्ड टोकनाइजेशन लागू होने से मोबाइल ऐप, मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर्स आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की महत्वपूर्ण जानकारी जैसे का सीवीवी कोड या एक्सपायरी डेट को सेव नहीं कर पाएंगे.

इससे पहले कार्ड टोकनाइजेशन के लिए कई बार अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया गया था लेकिन आरबीआई ने इस बार ऐसा नहीं किया. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबि शंकर ने कहा, “हम नहीं चाहते हैं कि इम्पीलिमेंटेशन में आ रही परेशानियों के कारण ग्राहकों की सुरक्षा के साथ समझौता हो.” उन्होंने कहा कि 35 करोड़ टोकन पहले ही तैयार किए जा चुके हैं. सितंबर में 40 फीसदी ट्रांजेक्शन टोकन के माध्यम से हुए. बता दें कि कार्ड टोकनाइजेशन अनिवार्य नहीं है. हालांकि, ऐसा नहीं करने पर आपको हर बार ट्रांजेक्शन के लिए कार्ड की सारी डिटेल दोबारा दर्ज करनी होगी.

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क्या है टोकनाइजेशन?
आपके कार्ड की डिटेल्स को एक यूनिक वैकल्पिक कोड से बदल देना टोकनाइजेशन कहलाता है. यह कोड आपको असाइन किए जाने के बाद हर बार कार्ड से ट्रांजेक्शन करते समय आपको उसका नंबर, सीवीवी व एक्सपायरी डेट जैसी जानकारी दर्ज नहीं करनी होगी. साथ ही जिस वेबसाइट से आप शॉपिंग कर रहे हैं और अगर उसका डेटा लीक हो जाता है तो भी आपकी निजी जानकारी के साथ समझौता नहीं होगा क्योंकि आपका डेटा वेबसाइट पर सेव नहीं हुआ है.

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कैसे काम करेगा टोकनाइजेशन?
सबसे पहले कार्ड होल्डर को टोकन रिक्वेस्टर की ऐप (कोई भी ऑनलाइन शॉपिंग ऐप जहां आप कार्ड सेव करना चाहते हैं) पर टोकनाइजेशन के लिए आवेदन करना होगा. इसके बाद वह ऐप कार्ड नेटवर्क और आवेदन भेजेगी जहां से उस कार्ड के लिए एक टोकन जारी होगा. इसमें कार्ड इश्यूर (बैंक, अन्य वित्तीय संस्थान) की सहमति होगी. आपका यूनिक टोकन सर्वर पर सेव कर लिया जाएगा. जब आप किसी ऐप या वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन करेंगे तो वह विजा, मास्टरकार्ज या कोई भी पेमेंट गेटवे मेसेज भेजेगा. इसके बाद ये पेमेंट गेटवे कार्ड टोकन की मांग करेंगे और ये जानकारी बैंक को आगे बढ़ा देंगे और ट्रांजेक्शन पूरी हो जाएगी. कस्मटर्म से टोकनाइजेशन के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा.

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कस्टमर्स को इससे क्या मिलेगा?
पेमेंट के लिए यह अधिक सुरक्षित तरीका होगा क्योंकि आपकी कार्ड की वास्तविक डिटेल मर्चेंट को नहीं दी जाएगी. ये डेटा व टोकन अधिकृत कार्ड नेटवर्क के पास ही स्टोर होगा. टोकन रिक्वेस्टर आपका पैन और कार्ड की अन्य डिटेल सेव नहीं कर पाएगा.

कार्ड इंडस्ट्री का साइज
वित्त वर्ष 2021-22 में क्रेडिट कार्ड से हुआ भुगतान 27 फीसदी बढ़कर 223.99 करोड़ रुपये हो गया था. इस दौरान 9.72 लाख बार क्रेडिट कार्ड से लेनदेन हुआ. जुलाई 2022 के अंत तक भारत में 8 करोड़ क्रेडिट कार्ड इश्यू किए जा चुके हैं. आरबीआई के डेटा के अनुसार, देश में 92.81 करोड़ डेबिट कार्ड है.

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Tags: Credit card, Debit card, Online Shopping, Pan card, RBI

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