hindi diwas e0a4ace0a589e0a4b2e0a580e0a4b5e0a581e0a4a1 e0a4aee0a587e0a482 e0a4b9e0a4bfe0a482e0a4a6e0a580 e0a4b9e0a4bfe0a49f e0a4b9e0a588
hindi diwas e0a4ace0a589e0a4b2e0a580e0a4b5e0a581e0a4a1 e0a4aee0a587e0a482 e0a4b9e0a4bfe0a482e0a4a6e0a580 e0a4b9e0a4bfe0a49f e0a4b9e0a588 1

हिंदी साहित्य और भारतीय सिनेमा का साथ चोली-दामन का है. बॉलीवुड की अनेकानेक बेहतरीन फिल्मों के पीछे का साहित्य कई बार बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी बनता रहा है. हिंदी साहित्य की उम्दा रचनाओं पर कलात्मक फिल्में बनी हों या विशुद्ध कॉमर्शियल फिल्म, या फिर गंभीर सिनेमा ही क्यों न हों, इन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है. अलबत्ता, बॉक्स ऑफिस पर पूरे पैसे वसूलने में नाकाम रही फिल्मों को भी आलोचकों की सराहना मिली है. आपको चंद नाम याद दिला दें- ‘नदिया के पार’, ‘वीर जारा’, ‘गदर-एक प्रेम कथा, ‘1947 अर्थ’, ‘देवदास’, ‘तीसरी कसम’, ‘आंधी’, ‘पहेली’, ‘हिना’…! हिंदी दिवस के बहाने बॉलीवुड और साहित्य की हमजोली की यह लिस्ट बड़ी लंबी है.

ऊपर जिन फिल्मों के नाम आपने पढ़े, उनमें से कुछ बॉक्स ऑफिस की ब्लॉक बस्टर रही हैं, तो कुछ ऐसी भी हैं जो ऑलटाइम फेवरिट होते हुए भी पूरे पैसे वसूल पाने में नाकाम साबित हुईं. मगर एक बात सभी में समान है कि इन फिल्मों को कभी भी ‘खराब’ की श्रेणी में नहीं रखा गया. ये हिंदी सिनेमा के भंडार में ‘ज्वेल्स’ ही कही जाएंगी. कहने का आशय यह कि हिंदी के मशहूर या गैर-मशहूर कथा साहित्य ने बॉलीवुड को न सिर्फ बेजोड़ फिल्में दी हैं, बल्कि कॉमर्शियल सिनेमा के मापदंड पर भी खरी उतरी हैं. मसलन, पंजाबी और हिंदी साहित्य की जानी-मानी लेखिका अमृता प्रीतम के उपन्यास ‘पिंजर’ को ही ले लीजिए. इस उपन्यास पर आधारित दो फिल्में बॉलीवुड ने बनाई. पहली सन्नी देवल और अमीषा पटेल की ‘गदर-एक प्रेम कथा’. दूसरी मनोज वाजपेयी और उर्मिला मातोंडकर की ‘पिंजर’. एक विशुद्ध कॉमर्शियल फिल्म होकर बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉक बस्टर साबित हुई. दूसरी फिल्म अपनी गंभीरता के लिए सराही गई. आज जब बॉलीवुड कहानियों के लिए री-मेक सिस्टम की तरफ बढ़ता नजर आता है, तो यह उसके हिंदी कथा संसार से दूर होते जाने का संकेत है.

READ More...  'पठान विवाद' के बीच जॉन अब्राहम को आया गुस्सा, WWE स्टार के साथ किया एक्शन, साउथ स्टार कार्थी का भी सपोर्ट

सुपरहिट फिल्मों की गिनती
साहित्य के कथा संसार को सेल्युलाइड के पर्दे पर उतारने का सिलसिला पुराना है. बिमल रॉय की ‘देवदास’ हो या आरके नारायण की ‘गाइड’, बांग्ला और अंग्रेजी भाषा के उपन्यासों पर बनी इन हिंदी फिल्मों की सफलता सब जानते हैं. हिंदी उपन्यास पर आधारित भोजपुरी की सबसे सफल फिल्म भी बॉलीवुड ने बनाई है. केशव प्रसाद मिश्र के उपन्यास ‘कोहबर की शर्त’ पर आधारित गोविंद मूनिस की फिल्म ‘नदिया के पार’ किसे याद नहीं होगी. इसी फिल्म का हिंदी संस्करण ‘हम आपके हैं कौन’ भी बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्मों की लिस्ट में शामिल है. हिंदी के ख्यातिनाम साहित्यकार कमलेश्वर के उपन्यास ‘पति पत्नी और वो’ पर बीआर चोपड़ा ने इसी शीर्षक से फिल्म बनाई. इसका गाना ‘ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए…’ आज भी बेस्ट बाथरूम-सॉन्ग है. यहां गौरतलब है कि बलदेव राज चोपड़ा उन विषयों पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते रहे हैं, जिनसे समाज को सकारात्मक संदेश जाता है.

READ More...  फिल्म ब्रह्मास्त्र में 20 मिनट के कैमियो से छा गए शाहरुख खान, ट्विटर पर करने लगे ट्रेंड

‘काशी का अस्सी’ और ‘पेशावर एक्सप्रेस’

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |

FIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 16:03 IST

Article Credite: Original Source(, All rights reserve)