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नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSDTV) का ओडिशा तट से परीक्षण किया. ये हाइपरसोनिक हथियार ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक तेजी से उड़ने में सक्षम है. इस तकनीक में एक स्क्रैमजेट इंजन (सुपरसोनिक-दहन रैमजेट) का उपयोग किया गया है, जो इसे हाइपरसोनिक गति प्रदान करता है. यह विशिष्ट तकनीक दुनिया में केवल तीन अन्य देशों – अमेरिका, चीन और रूस के पास उपलब्ध है.

सूत्रों के अनुसार इस स्वदेशी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSDTV) का परीक्षण शुक्रवार को दोपहर में ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलम द्वीप से किया गया. हालांकि, न ही रक्षा मंत्रालय और न ही डीआरडीओ (DRDO) ने इस पर कोई औपचारिक बयान दिया कि परीक्षण सफल हुआ या नहीं. ऐसा मन जा रहा है कि अगर ये परीक्षण सफल होता है तो ये भविष्य में हाइपरसोनिक हथियारों के निर्माण में महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है.

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उधर ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की रिपोर्ट की माने तो परीक्षण का शुरुआती उड़ान सफल रहा लेकिन एचएसटीडीवी के स्क्रैमजेट इंजन के प्रदर्शन को लेकर चिंता है, हालांकि पूरी डाटा आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. डीआरडीओ ने इससे पहले तीन परीक्षण 2019, 2020, 2021 में कर चुकी है. हालांकि, 2019 का परीक्षण असफल रहा था.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाइपरसोनिक हथियार के परीक्षण का समर्थन किया है और उन्होंने डीआरडीओ को इस पर तेजी से काम करने का निर्देश जारी किया है. हालांकि भारत के  सशस्त्र बलों के पास  पहले से ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो मैक 2.8 की गति पर कार्य करती हैं.  इनकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर से लेकर 450 किलोमीटर तक है.

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