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हाइलाइट्स

इंफोसिस ने ओपन मार्केट के जरिए 9,300 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक प्रोग्राम को मंजूरी दी.
बायबैक प्रोग्राम में इक्विटी शेयरों की संभावित अधिकतम संख्या 50,270,270 होगी.

मुंबई. दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड ने 13 अक्टूबर को ओपन मार्केट के जरिए 9,300 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है. 1993 में लिस्टेड होने के बाद से कंपनी ने चौथी बार बायबैक का ऐलान किया है. इंफोसिस ने बायबैक के लिए निर्धारित अधिकतम मूल्य 1,850 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तय किया है, जिसमें फेस वैल्यू 5 रुपये है. अधिकतम बायबैक मूल्य पर वापस खरीदे जाने वाले इक्विटी शेयरों की संभावित अधिकतम संख्या 50,270,270 होगी.

इन्फोसिस ने एक बयान में कहा, ‘‘बोर्ड ने आज हुई अपनी बैठक में भारतीय शेयर बाजारों के जरिये खुले बाजार से इक्विटी शेयरों की खरीद को मंजूरी दी, जिसका अधिकतम आकार 9,300 करोड़ रुपये (पुनर्खरीद कर को छोड़कर) है, और जिसकी कीमत 1,850 रुपये प्रति शेयर से अधिक नहीं है. इसपर शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी है.’’

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अगर आपके पास भी इंफोसिस के शेयर हैं और आप भी बायबैक की इस प्रोसेस में शामिल होना चाहते हैं तो अगर आपके पास Infosys के शेयर हैं तो जानिए इस बायबैक से आपको किस तरह से फायदा मिल सकता है.

क्या होता है शेयर बायबैक और क्यों लाया जाता है?
जब कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होती है तो वह अपने शेयर पब्लिक को देती है लेकिन बायबैक में बिल्कुल उलटा होता है. बायबैक में कंपनी अपना शेयर निवेशकों से वापस खरीदती है. बायबैक के दो तरीके टेंडर और ओपन मार्केट के जरिए किया जाता है. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बायबैक के जरिए कंपनी के पास पड़े सरप्‍लस कैश का बेहतर इस्‍तेमाल किया जा सकता है और आने वाले समय में स्टॉक के प्राइस को स्थिर रखने में मदद मिल सकती है.

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कंपनी ने यह भी जानकारी दी है कि वह बायबैक के लिए तय की गई अधिकतम राशि का कम से कम 50 फीसदी यानी 4,650 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करेगी. इंफोसिस ने अपने अमेरिकी डिपॉजिटरी शेयरों (एडीएस) के धारकों को अपने एडीएस को इक्विटी शेयरों में बदलने और भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर उन शेयरों को बेचने का विकल्प चुनकर बायबैक में भाग लेने की अनुमति दी है.

निवेशकों के लिए कैसे फायदेमंद?
बायबैक के बाद शेयर कंपनी के पास लौट आते हैं. इससे प्रॉफिट का जो हिस्सा डिविडेंड के तौर पर पहले ज्यादा शेयरों में बंटता था अब वह कम स्टॉक में बंटेगा. इसका नतीजा यह होता है कि कंपनी के अर्निंग पर शेयर में तेज वृद्धि होती है और भविष्य में शेयर के भाव में तेजी आने की संभावना बढ़ जाती है.

Tags: Infosys, IT Companies, Stock market

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