पटनाएक घंटा पहले
जदयू का समीकरण के मुताबिक उमेश कुशवाहा इस पद पर फिट बैठते हैं।
जनता दल यूनाइटेड में आज नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर नॉमिनेशन होना है। इस नॉमिनेशन की का पूरा शेड्यूल तय किया जा चुका है। पहले, जदयू प्रदेश अध्यक्ष के लिए आज 11:00 बजे से लेकर 1:00 बजे तक नामांकन दाखिल किया जाएगा। वहीं 1:15 से लेकर 1:45 तक नामांकन पत्रों का जांच किया जाएगा और दोपहर 2:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक नाम वापसी का समय दिया गया है। वही, एक से अधिक यदि नॉमिनेशन होता है तो, 27 नवंबर को सुबह 11:00 बजे से लेकर 1:30 बजे तक मतदान कराई जाएगी। पटना के जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में मतदान केंद्र बनाया जाएगा। उसके तुरंत बाद ही मतगणना का कार्यक्रम होगा और नए प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन कर लिया जाएगा।
एक ही होगा नॉमिनेशन विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस नामांकन प्रक्रिया में मात्र एक नॉमिनेशन किया जाएगा। वह नॉमिनेशन जदयू के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का होगा। उनके खिलाफ एक भी नॉमिनेशन नहीं किया जाएगा। जैसे ही सिंगल नॉमिनेशन उमेश कुशवाहा का होगा, उसके बाद इलेक्शन की प्रक्रिया नहीं होगी। जितने भी डेलीगेट्स आएंगे उनको यह सूचना दे दी जाएगी कि सिर्फ एक ही नॉमिनेशन उमेश कुशवाहा का हुआ है। इस तरह उमेश कुशवाहा निर्विरोध अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हो जाएंगे।
उमेश को लेकर कोई विवाद नहीं
उमेश कुशवाहा को लेकर पार्टी में कोई गतिरोध नहीं है। उमेश कुशवाहा स्मूथ तरीके से पार्टी का संचालन कर रहे हैं। ना उनके खिलाफ कोई गुट बना है और ना ही वह किसी गुट में शामिल है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर वह उतना ही काम करते हैं जितना उन्हें कहा गया है वैसे भी उमेश कुशवाहा का पूरा टेन्योर नहीं हुआ था। बीच में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को हटाकर उमेश कुशवाहा को जिम्मेदारी दी गई थी। ऐसे में महज 22 महीने ही उमेश कुशवाहा इस पद पर रहे हैं। इस मुताबिक उमेश कुशवाहा का निर्वाचन होना एक बार फिर से तय माना जा रहा है।

उमेश कुशवाहा को प्रदेश स्तर का ही कोई पोस्ट देकर लव-कुश समीकरण को नीतीश कुमार आगे भी साधेंगे
उमेश के सहारे लवकुश समीकरण को साधेगा जदयू
जदयू का समीकरण के मुताबिक उमेश कुशवाहा इस पद पर फिट बैठते हैं। लव-कुश समीकरण को लेकर चलने वाली जदयू के लिए प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा हो यह जरूरी है। क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समुदाय से आते हैं। वह जदयू के सर्वमान्य नेता है। वही अगड़ों के नाम पर अध्यक्ष ललन सिंह है। ऐसे में जरूरत एक कुशवाहा नेता की है, जो की-पोस्ट पर हो और उमेश कुशवाहा इसके लिए मुनासिब नाम है। इनके नाम पर कोई विरोध भी नहीं है। सूत्रों की माने तो उमेश कुशवाहा से बड़ा प्रदेश स्तर पर कुशवाहा में कोई नेता नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा ने पहले ही प्रदेश अध्यक्ष बनने से मना कर दिया है। वह जदयू संसदीय बोर्ड के चेयरमैन है।
संगठन में बहुत फेरबदल की गुंजाइश नहीं
चर्चा में यह है कि जदयू और राजद का विलय होना है। ऐसे में जदयू कोई बड़ा रिस्क नहीं लेना चाहती है। जिस तरह से पार्टी स्मूथ तरीके से चल रही है। उसमें कोई भी व्यवधान नहीं डालना चाह रही है। आने वाले महीनों में यदि जदयू और आरजेडी का विलय हो जाता है तो, उमेश कुशवाहा को प्रदेश स्तर का ही कोई पोस्ट देकर लव-कुश समीकरण को नीतीश कुमार आगे भी साधेंगे। फिलहाल प्रदेश स्तर पर संगठन में बहुत फेरबदल की गुंजाइश नहीं दिख रही है।
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