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अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित मरी माता मंदिर (Mari Mata Mandir) एक ऐसा मंदिर है जहां पर किसी भी देवी मां की कोई प्रतिमा नहीं है. यहां सिर्फ एक ताखा है, जिसमें एक छोटा सा दीया जलता रहता है. यह दिया लाखों भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करता है. इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों की तादाद में भक्त आकर मत्था टेकते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु यहां घंटी बांधकर जाते हैं.

यह मंदिर 300 साल पुराना बताया जाता है. इस मंदिर की स्थापना यहां की सेवा कर रहे सौरभ नाम के युवक के पिता ने की थी. वह बताते हैं कि उनके पिता को सपने में एक बार देवी मां ने दर्शन थे और यहां पर एक ताखा बनाने के लिए कहा था. उन्होंने सुबह होते ही सुल्तानपुर-लखनऊ हाईवे पर आकर एक ताखा देवी मां के नाम का बना दिया और इसकी पूजा करने लगे. देखते ही देखते यहां से गुजरने वाले भक्त यहां आने लगे और पूजा करने लगे. हर मुराद पूरी होने पर भक्तों का विश्वास यहां पर बढ़ गया और आज आलम यह है कि एक साल में करीब लाखों लोग यहां पर दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर कभी बंद नहीं होता बल्कि 24 घंटे भक्तों के लिए खुला रहता है. यहां पर किसी देवी देवता की प्रतिमा नहीं है. यहां पर शाम को 7:00 से लेकर 8:00 के बीच में आरती रोजाना होती है.

लाखों घंटियां बढ़ाती हैं मंदिर की खूबसूरती
इस मंदिर में लाखों घंटियां बंधी हुई है. दरअसन जिन भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है वो यहां पर घंटी बांधकर जाते हैं. यह मंदिर लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे पर अर्जुनगंज के पास बना हुआ है और यह हाईवे कब का बना हुआ है यह जानकारी किसी को भी नहीं है. हालांकि इस हाइवे पर ही माता रानी का मंदिर बनाने का सपना इस मंदिर के पहले महंत को आया था. यहां पर दर्शन करने आए राम प्रकाश ने बताया कि उनका काम धंधा नहीं चल रहा था यहां पर उनकी पत्नी ने मन्नत मांगी थी और उनकी मन्नत पूरी हो गई. भक्त अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि वह यहां पर कई सालों से आ रहे हैं. यहां पर उनकी हर मुराद पूरी होती है.

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Mari Mata Mandir

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