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हाइलाइट्स

लंपी स्किन का अभी तक कोई विशेष टीका या दवाई उपलब्ध नहीं है
बीमारी से मुकाबला करने के लिये अतिरिक्त बजट आवंटित करने के निर्देश दिये गये हैं

जयपुर. राजस्थान के सीमावर्ती जिलों की गायों में लंपी स्किन बीमारी (Lumpy skin disease) तेजी से पैर पसार रही है. गुजरात और पाकिस्तान की सीमा से लगे सात से ज्यादा जिलों के हजारों गायें लंपी स्किन की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से हजारों गायों की मौत (Thousands of cows died) भी हो चुकी है। राजस्थान की बड़ी गौशालाओं में यह बीमारी ज्यादा फैल रही है। यहां सैंकड़ों गायें एक दूसरे के संपर्क में आने के कारण इसका फैलाव ज्यादा हो रहा है. राज्य सरकार ने सभी प्रभावित जिलों के साथ साथ पड़ोसी जिलों में भी अलर्ट जारी कर गौपालन एवं पशुधन विभाग की टीमों को मैदान में उतार दिया है.

पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश के पश्चिमी जिलों के मवेशियों में फैल रही लंपी स्किन के हालात और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुये प्रभावित जिलों के कलक्टर से बात की. उन्होंने बीमारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, जालोर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर और बीकानेर जिलों में यह संक्रामक रोग गायों में तेजी से फैल रहा है.

अतिरिक्त बजट आवंटित करने के निर्देश

मंत्री कटारिया ने आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों में इनकी खरीद के लिये आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त बजट आवंटित करने के निर्देश भी दिये हैं. कटारिया ने कहा कि प्रभावित जिलों में जहां पशु चिकित्सा कर्मचारियों की कमी हो तो वहां कम प्रकोप वाले पड़ोसी जिलों से चिकित्सा दल गठित कर भेजें. इसके अतिरिक्त जिले के नोडल अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर निगरानी एवं प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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ये हैं लंपी स्किन बीमारी के लक्षण

पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आनंद सेजरा ने बताया की सरकार के निर्देश के बाद पशुधन विभाग ने लंपी स्किन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. लंपी स्किन वायरस से संक्रमित पशु की पहचान आसानी से हो जाती है. इस वायरस के संक्रमण के बाद पशु को तेजी से बुखार आता है. बुखार आने के बाद उसकी शारीरिक क्षमताएं गिरने लगती हैं. कुछ दिनों बाद संक्रमित पशु के शरीर पर चकते के निशान उभर आते हैं. लंपी वायरस एक गाय से दूसरी गाय के सिर्फ संपर्क में आने पर ही फैल रहा है.

कोई विशेष टीका या दवाई नहीं है इसकी

लंपी वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अभी तक न तो कोई विशेष टीका उपलब्ध है ना ही इस बीमारी की रोकथाम के लिए औषधियां बाजार में हैं. अभी तक पशु चिकित्सा विभाग महज बुखार की दवाइयों के साथ साथ एन्टीबायोटिक दवाओं के जरिये ही उपचार कर रहे हैं. लंपी वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए केन्द्रीय टीम राजस्थान के दौरे पर आई है. ये टीम राजस्थान के वायरस संक्रमित जिलों का दौरा कर इस पर नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने की कोशिश करेगी.

Tags: Animal husbandry, Diseases increased, Jaipur news, Rajasthan news

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