
हाइलाइट्स
WHO ने मंकीपॉक्स का नाम बदलकर किया एमपॉक्स
नस्लवादी, भेदभावपूर्ण और आपत्तिजनक भाषाओं के इस्तेमाल ने बढ़ाई थी चिंता
करीब 1 साल तक दोनों नामों का होगा इस्तेमाल
जेनेवा. कोरोना वायरस के बाद कहर बरपाने वाली बीमारी मंकीपॉक्स का नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को बदलकर एमपॉक्स (mpox) कर दिया है. संगठन का कहना है कि जब बीमारी का प्रकोप पूरी दुनिया में फैलना शुरू हुआ तो नस्लवादी, भेदभावपूर्ण और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल होने लगा था. संगठन को इसकी सूचना दी गई और कई देशों ने इसका नाम बदलने का भी सुझाव दिया, तभी संगठन ने चिंता जताते हुए अब इसका नाम बदला है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि करीब एक साल तक दोनों नामों का इस्तेमाल किया जाएगा और फिर मंकीपॉक्स को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा.
मंकीपॉक्स नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इस वायरस की पहचान मूल रूप से 1958 में डेनमार्क में शोध के लिए रखे गए बंदरों में हुई थी. ब्रिटेन में जब यह फैलनी शुरू हुई तब कई ऐसे मामले आए जिसमें बंदरों को जहर देकर मारा जाने लगा, इसलिए विश्व स्वास्थ संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हारिस ने कहा, ‘मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैल सकता है, लेकिन इसके लिए बंदरों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.’ इसके बाद WHO ने एक समर्पित वेबसाइट के साथ एक नया नाम लाने के लिए जनता से मदद मांगी, जहां कोई भी सुझाव दे सकता था.
Following consultations, WHO will begin using a new term for “#monkeypox” disease: ‘#mpox‘.
Both names will be used simultaneously for one year while ‘monkeypox’ is phased out https://t.co/VT9DAdYrGY pic.twitter.com/Ae6zgkefPI— World Health Organization (WHO) (@WHO) November 28, 2022
जल्द ही बदलेगा दुनिया में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स का नाम, नया नाम तलाशने में जुटा WHO
बता दें कि मई में मंकीपॉक्स का इसका पहला मामला सामने आया था, और अब यह भारत समेत दुनियाभर में अपना पैर पसार चुका है. हालांकि विशेषज्ञों का ये भी मानना था कि इससे मौतें नहीं होती, लेकिन इस बीमारी से संक्रमित लोगों की मौतें भी होने लगी थीं. दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 80,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 55 मौतें दर्ज हो चुकी हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 29, 2022, 07:31 IST
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