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मोरबी. गुजरात की एक अदालत ने मोरबी में गत 30 अक्टूबर को पुल ध्वस्त होने की घटना के सिलसिले में ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी. मच्छु नदी पर निर्मित ब्रिटिश काल के इस पुल के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा समूह) की थी. पुल के ध्वस्त होने पर राज्य सरकार की ओर से कंपनी की ओर से कई तरह की लापरवाही बरते जाने का हवाला देते हुए एक विशेष जांच टीम गठित की गई थी.

मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा समूह) के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल के खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. पीड़ितों की ओर से अधिवक्ता दिलीप अगेचनिया ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई को लेकर एक हफ्ते पहले पुलिस की ओर से अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 70 के तहत पुलिस की ओर से एक अर्जी मिलने के बाद अदालत ने यह कदम उठाया.

अगेचनिया ने सोमवार को कहा, ‘जैसा कि इस मामले के जांच अधिकारी ने अनुरोध किया था, मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 70 के तहत पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया.’ गौरतलब है कि प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद पटेल ने पुल ध्वस्त होने के मामले में अपनी गिरफ्तारी के डर से मोरबी सत्र अदालत में 20 जनवरी को गुहार लगाकर अग्रिम जमानत देने का अनुरोध किया था.

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लेकिन अदालत ने सुनवाई को एक फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है, क्योंकि लोक अभियोजक मौजूद नहीं थे. अजंता मैन्युफैक्चरिंग के चार कर्मचारियों समेत कुल नौ लोगों को अब तक इस मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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