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रिपोर्ट- विशाल भटनागर

मेरठ. नवरात्रि में भक्त मां भगवती की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं. मेरठ शहर की बात की जाए तो यहां पर कई प्राचीन मंदिर हैं, जहां पर भक्तों की आस्था का सैलाब देखने को मिलता है. कुछ इसी तरह का नजारा न्यू मोहनपुरी स्थित दयालेश्वर मंदिर में भी देखने को मिलता है, जहां दूरदराज से भक्त मां आदिशक्ति की पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं.

दयालेश्वर मंदिर में मां भगवती नौ देवियों के रूप में विराजमान हैं. नवरात्रि में जिन नौ देवियों की स्तुति भक्त करते हैं, उन सभी नौ देवियों की यहां पर मूर्तियां है. साथ ही सनातन धर्म संस्कृति में जिन 10 विधाओं का उल्लेख किया गया है. उनका भी यहां वर्णन है.

मन्नत पूरी होने पर कराया था निर्माण
मंदिर का निर्माण कराने वाले नीरज के अनुसार, उनके पिता काफी बीमार थे. ऐसे में एक साधु द्वारा कहा गया था कि अगर मंदिर का निर्माण करा दोगे तो स्वस्थ हो जाएंगे. उसी समय इस मंदिर के निर्माण का प्रण लिया था. इसके बाद पिता बिल्कुल स्वस्थ हो गए. पिता की सेहत ठीक होने के बाद पिता द्वारा ही इस मंदिर का निर्माण करवाया गया, तभी से इस मंदिर में आने वाले भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी. साथ ही बताया कि यहां जो भी भक्त आते हैं, उनकी सभी मन्नतें पूरी होती हैं. दूरदराज से भी भक्त यहां नौ देवियों के 10 विधाओं का एक साथ दर्शन करते हैं.

यह है मां भगवती की आरती
जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
मांग सिंदूर बिराजत,टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
जय अम्बे गौरी…
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
जय अम्बे गौरी…
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
जय अम्बे गौरी…
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
जय अम्बे गौरी…
शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
जय अम्बे गौरी…
चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
जय अम्बे गौरी…
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
जय अम्बे गौरी…
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
जय अम्बे गौरी…
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
जय अम्बे गौरी…
भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
जय अम्बे गौरी…
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
जय अम्बे गौरी…
अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।
जय अम्बे गौरी…
मैया जय श्यामा गौरी।
दुर्गा माता की जय…मां दुर्गा की जय…मां अंबे की जय!

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जानिए कब कर सकते हैं दर्शन?
अगर आप भी मां भगवती के दर्शन करना चाहते हैं तो सुबह 5 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक और शाम को 5 बजे से लेकर रात 8 बजे तक मां भगवती के दर्शन कर सकते हैं. यह मंदिर लगभग 60 साल पुराना है.

Dayaleshwar Temple

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