
काठमांडू. नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने रविवार को पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है. राजनीति में आने से पहले प्रचंड एक माओवादी गुरिल्ला थे. उन्होंने नेपाल के हिंदू साम्राज्य के खिलाफ एक दशक तक विद्रोह किया. वह वर्तमान में सीपीएन-माओवादी केंद्र के अध्यक्ष हैं. राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 68 साल के प्रचंड को संविधान के आर्टिकल 76 क्लॉज-2 के तहत नेपाल का प्रधानमंत्री बनाया गया है.
इस संविधान के तहत, राष्ट्रपति सभी सांसदों में उस सांसद को पीएम पद पर नियुक्त कर सकते हैं जो दो या दो से ज्यादा राजनीतिक दलों के समर्थन से बहुमत साबित कर दे. प्रचंड ने राष्ट्रपति द्वारा दी गई समय सीमा से पहले प्रधानमंत्री पद पर अपनी दावेदारी की और उम्मीदवारी के लिए आवेदन दिया. राष्ट्रपति ने इसके लिए रविवार शाम 5 बजे तक का समय दिया था. नेपाल में नए प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को शाम 4 बजे होगा.
10 प्वाइंट में समझिये प्रचंड और नेपाल के राजनीतिक समीकरण
पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ तीसरे बार बने नेपाल के प्रधानमंत्री
पोखरा के पास ढिकूरपोखरी में 11 दिसंबर 1954 को जन्मे पुष्प करीब 13 साल तक अंडरग्राउंड रहे
सीपीएन-माओवादियों के शांति मार्ग अपनाने के बाद दहल ने राजनीति में कदम रखा
उन्होंने नेपाल के एक दशक तक चले सशस्त्र संघर्ष का साल 1996 से 2006 तक नेतृत्व किया. नेपाल में साल 2006 में शांति समझौता हुआ
प्रचंड सीपीएन-यूएमएल के चेयरमैन केपी शर्मा ओली, आरएसपी के अध्यक्ष रवि लिमिछाने सहित कई नेताओं सहित राष्ट्रपति से मिले और उन्हें पीएम बनाने का आवेदन दिया
नेपाल की 275 सदस्यों वाली संसद में प्रचंड को 165 सांसदों को समर्थन है. इसमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के 6 और नागरिक उन्मुक्ति के 3 सदस्य शामिल हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री ओली के घर आपात बैठक हुई. इस बैठक में सभी ने प्रचंड के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति दी.
प्रचंड और ओली के बीच पीएम पद को लेकर समझौता है. दोनों बारी-बारी से पीएम पद संभालेंगे. ओली ने प्रचंड को पहले पीएम बनाने पर सहमति दे दी है
प्रचंड की पीएम दुएबा के साथ वार्ता विफल रही. इसके बाद प्रचंड ओली के निज निवास गए और पीएम बनने के लिए उनका समर्थन मांगा.
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FIRST PUBLISHED : December 25, 2022, 23:49 IST
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