
कौशांबी. जिले में सरकारी धन के गबन का बड़ा मामला सामने आया है. जिला पंचायत की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक यह घोटाला लगभग 20 करोड़ रुपए का है. ऑडिट टीम की रिपोर्ट के मुताबिक जिला पंचायत के अधिकारियों ने पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा धांधली की है. ऑडिट टीम के सदस्यों ने जब पंचायत चुनाव के दौरान किए गए भुगतान का हिसाब लगाया तो यह बहुत ज्यादा निकला. ऑडिट टीम ने भुगतान किए गए काम के बारे में पूछा तो मौजूद अधिकारी-कर्मचारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.
ऑडिट टीम की पड़ताल में पाया गया कि कौशांबी जिला पंचायत में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 72 लाख, 39 हजार रुपये का अनियमित भुगतान किया गया है. इसी तरह वर्ष 2019-20 में 8 करोड़ 4 लाख रुपए का अनियमित भुगतान कर दिया गया. इसी तरह वर्ष 2018-19 में 1 करोड़ 14 लाख 56 हजार रुपए और वर्ष 2017-18 में 58 लाख 80 हजार रुपए का अनियमित भुगतान किया गया है. हैरानी की बात यह है कि अफसरों ने इतनी बड़ी राशियों के भुगतान बिना किसी काम के ही कर दिए हैं.
जांच में सामने आई सच्चाई
ऑडिट टीम ने जिला पंचायत द्वारा की गई भुगतानों की पड़ताल की तो सच सामने आ गया. इस बारे में जब जिला पंचायत के अधिकारियों से पूछा गया तो वे कोई काम नहीं बता पाए. ऑडिट टीम ने तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी रणमत सिंह, कार्यालय अधीक्षक जितेंद्र कुमार मालवीय, अभियंता अखिलेश्वर मल्ल, अपर मुख्य अधिकारी एलएन खरे, लेखाकार रामभजन द्विवेदी, आशीष कुशवाहा, कर अधिकारी आदित्य कुमार कुशवाहा को जिम्मेदार ठहराते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी है.
अफसर बोले-सरकारी धन की हेराफेरी नहीं
इस संबंध में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी कमलेश सिंह का कहना है कि ऑडिट टीम ने वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 तक 20 करोड़ के गबन की रिपोर्ट लगाई है, जबकि विभाग द्वारा सरकारी धन का गबन नहीं किया गया है. ऑडिट में आपत्ति जताई गई है जिसका सही जवाब साक्ष्यों के साथ सक्षम अधिकारी को भेजी जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 18:04 IST
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