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अरुण जुआल.

पश्चिम बंगाल में बीती रात ममता सरकार में मंत्री पार्था चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर ED के छापों के बाद मिली बरामदगी ने पूरे देश को हिला कर रखा दिया. शुरूआती जानकारी के अनुसार ED ने लगभग 28 करोड़ नकद और लगभग 6 किलो सोने की बरामदगी की. छापे में शामिल ED के अधिकारियों के मुताबिक बरामद होने वाली रकम इतनी ज्यादा थी कि बैंक अधिकारियों और काउटिंग मशीनों को नोट गिनने में घंटो लगे. सूत्रो के मुताबिक छापे के दौरान गोल्ड बार,चांदी के सिक्के,प्रापर्टी दस्तावेज और सीडी भी जब्त किए गए. अब तक अर्पिता मुखर्जी के दोनो फ्लैट से कुल मिलाकर 50 करोड़ से अधिक की बरामदगी हो चुकी है.

पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन रिक्रूटमेंट घोटाले पर ममता सरकार के पर्दा डालने के बाद केंद्रीय एंजेसियो ने खोला कच्चा-चिठ्ठा

इस घोटाले की नींव साल 2014 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन के राज्य के स्कूलो में टीचरों की नियुक्ति के दौरान शुरू हुई. 2016 में पार्था चटर्जी के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट विभाग के मंत्री होने के दौरान रिक्रूटमेंट प्रोसेस शुरू हुआ. इसके बाद भर्ती प्रक्रिया में बड़े स्तर पर गडबड़ियो का खुलासा हुआ जिसके बाद वर्ष 2016 में राज्य के स्कूलो में 13 हजार ग्रुप डी स्टाफ की भर्ती प्रकिया की शुरुआत हुई. ये भर्ती प्रक्रिया भी भष्ट्राचार की भेंट चढ़ गई और कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए गई. फिलहाल इस घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी मिलकर कर रहे हैं.

घोटाले में पार्थो चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से ही ममता बनर्जी का रवैया शुरु से ही टालने वाला रहा है। पहले वर्षों तक ममता सरकार के कार्यकाल के दौरान इस घोटाले की जांच में कोई दिलचस्पी नहीं दिखी और पार्थो चटर्जी ममता बनर्जी के सबसे शक्तिशाली मंत्रियो में एक बने रहे. जब केंद्रीय एंजेसियों ने इस मामले में अपनी कार्यवाही तेज की तो ममता बनर्जी ने इसे उन्हें बदनाम करने की साजिश करार दिया. खुद इस मामले कोई भी निष्पक्ष जांच पूरी किए बिना ममता बनर्जी ने इस मामले में समय पर जांच पूरी करने की मांग भी उठाई. ममता बनर्जी इस मामले में न्यायपालिका पर उंगुली उठाने से भी नहीं चूकी और कहा कि मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है लेकिन मुझे पता है कि बीजेपी का न्यायपालिका पर कितना प्रभाव है. पूरी मीडिया को भी बीजेपी ने खरीद लिया है. इस मामले में ममता बनर्जी पर सवालिया निशान लगाते हुए सीपीआई-एम के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों का चयन ममता बनर्जी ने किया था और अब वो कह रही हैं कि उन्हें कुछ भी नहीं पता.

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हेमंत सोरेन सरकार भी शक के दायरे में
केंद्रीय एंजेसियों की जांच झारखंड में अवैध माइनिंग और वसूली के मामले में भी तेजी से जारी है. इस मामले में मुख्य आरोपी हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि और जेएमएम के सचिव पंकज मिश्रा हैं. 27 जुलाई को इस मामले में ईडी ने एक जहाज को जब्त किया जिसकी कीमत करीब 30 करोड़ रुपए बताई जा रही है. सूत्रो के मुताबिक बिना किसी मंजूरी के इस जहाज का इस्तेमाल अवैध माइनिंग के लिए किया जाता था. केंद्रीय एंजेसियां झारखंड में अवैध माइनिंग और मनी लांड्रिग के कई मामले की जांच में तेजी से जुटी हैं. पंकज मिश्रा का नाम झारखंड की भ्रष्ट IAS पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था। ईडी सूत्रो के मुताबिक संताल क्षेत्र में पंकज मिश्रा और उसके साथियों ने डमी कंपनी बनाकर अपने लोगों को टेंडर दिलवाया था. इस मामले में भी सत्ताधारी जेएमएम पंकज मिश्रा के समर्थन में उतरा और उसने बीजेपी पर केंद्रीय एंजेसियों का गलत इस्तेमाल कर हेमंत सोरेन की छवि खराब करने का आरोप लगाया.

भष्ट्राचार के खिलाफ मोदी सरकार एक्शन में
वर्ष 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से ही मोदी सरकार ने भष्ट्राचारियो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने में लगातार आगे रही है. विपक्षी दलों के इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप की परवाह किए बिना मोदी सरकार ने भष्ट्राचार के हर मामले में कठोर कार्यवाही कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने का अपना मिशन जारी रखा है.

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Tags: Mamta Banerjee, PM Modi

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