
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक पक्ष अगर राजनीति और आजादी की लड़ाई थी तो दूसरा पक्ष आध्यात्मिकता थी. वो हर हाल वो रोज योग साधना करते थे. उनका जीवन किशोरवय से आध्यात्मिक विचारों से प्रभावित था. यहां तक जब वो आजाद हिंद फौज की स्थापना के दौरान जब जापान में थे, तब भी रोजाना अपने कमरे में योग-साधना जरूर करते थे. तब वो एकांत में रहना पसंद करते थे. हालांकि वो हमेशा लोगों के बीच होते थे लेकिन रात में जैसे ही एकांत मिलता, वो ध्यान साधना में लीन हो जाते.
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