
दरअसल हम बात कर रहे हैं बहू-बेगम के मकबरे की, जिसका निर्माण अवध के तीसरे नवाब शुजाउदौला ने सैकड़ों वर्ष पहले कराया था. शुजाउदौला अपनी पत्नी से बेपनाह मोहब्बत करते थे और उनके लिए ताजमहल जैसा मकबरा बनवाना चाहते थे, लेकिन बीमारी के चलते शुजाउदौला की मौत हो गई. इसके बाद तख्त संभलने की जिम्मेदारी बहू बेगम पर आई और बेगम ने अधूरे मकबरे को पूरा कराने का निर्णय लिया, लेकिन कुछ समय बाद ही बेगम की भी मृत्यु हो गई.
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