
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश अध्यक्षों और संगठन मंत्रियों को लेकर सख्त निर्देश दिया है। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि “कुछ लोग राज्यों में स्थापित नेतृत्व के खिलाफ उन्हें अस्थिर करने का माहौल बनाते हैं, यह ठीक नहीं।”
पीएम मोदी के इस बयान के बाद पार्टी अध्यक्ष और संगठन मंत्री सकते में आ गए हैं। बैठक के बाद बीजेपी नेता इस कानाफूसी में लगे हैं कि आखिर पीएम ने जब ऐसा बोला तो उनके जेहन में कौन-कौन से उदाहरण रहे होंगै। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में ऐसे मामलों की चर्चा होती रहती है।
वहीं, इसके अलावा पीएम मोदी ने राजधानी स्थित एनडीएमसी कंवेशन सेंटर में पार्टी के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा का लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि उसकी प्राथमिकता देश के लिए बड़ा काम करना और देश को बड़ा बनाना है। उन्होंने कहा कि इसे ही ध्यान में रखते हुए भाजपा को अपने संगठन का विस्तार करना चाहिए।
बैठक के बाद भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘भाजपा का जो मिशन है, भाजपा का जो संगठन है, यह केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं है। बल्कि उसके लिए प्राथमिकता देश के लिए बड़ा कार्य करना है और देश को बड़ा बनाना है।’’
भूपेन्द्र यादव के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा संगठन को भी उसी हिसाब से अपनी गुणवत्ता में विकास करना चाहिए। ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ को भाजपा का मूलमंत्र बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मूलमंत्र को लेकर ही भाजपा देश में सकारात्मक कार्य कर रही है।
भूपेन्द्र यादव ने बताया कि पीएम मोदी ने कहा, ‘‘चाहे जीएसटी सुधार का विषय हो, कृषि सुधार के विषय हो या फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण का विषय हो। देश में लगातार सुधार का कार्य करते हुए भारत को आगे ले जाने का काम भाजपा की सरकार ने किया है।’’
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