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हाइलाइट्स

राहुकाल दो शब्दों राहु और काल से मिलकर बना है.
हर दिन में राहुकाल आता है, इसमें भी दिन के राहुकाल की गणना की जाती है.
राहुकाल का अधिपति ग्रह राहु है, जोकि अशुभ फल प्रदान करता है.

Rahu Kaal: ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल को अशुभ मुहूर्त माना जाता है, जिसमें कोई भी शुभ काम करना वर्जित है. राहुकाल दो शब्दों राहु और काल से मिलकर बना है. राहु के छाया ग्रह है और काल का अर्थ समय से है. राहुकाल का शाब्दिक अर्थ हुआ राहु का समय. हर दिन में राहुकाल आता है, इसमें भी दिन के राहुकाल की गणना की जाती है. दिन के अनुसार राहुकाल के समय में भी अंतर होता है. राहुकाल में कोई भी काम करते हैं तो उसमें सफलता प्राप्त होना कठिन हो जाता है, उसके कई प्रकार की बाधाएं आने लगती हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि राहुकाल कब होता है? राहुकाल में शुभ कार्य क्यों नहीं करते हैं? यदि राहुकाल में कोई कार्य करना ही है तो इसका उपाय क्या है?

राहुकाल क्या है?
राहुकाल का अधिपति ग्रह राहु है, जोकि अशुभ फल प्रदान करता है. हर दिन डेढ़ घंटे का समय राहुकाल का होता है. मान्यताओं के अनुसार सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय का आठवां हिस्सा राहु का माना जाता है, वही राहुकाल होता है.

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कैसे होती है राहुकाल की गणना?
सूर्योदय के समय, स्थान और दिन के अनुसार राहुकाल की गणना होती है. हर दिन का अलग अलग राहुकाल होता है. दिन के ही राहुकाल की मान्यता है. मंगलवार, शनिवार और रविवार के राहुकाल को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इन तीनों दिनों में राहुकाल के समय में राहु प्रभावी होता है.

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राहुकाल में वर्जित कार्य
1. राहुकाल के समय में आपको कोई नया बिजनेस, नई परियोजना या कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए.

2. राहुकाल में आपको अपने महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़ी यात्राएं नहीं करनी चाहिए. संभव हो तो उसे टाल देना चाहिए.

3. राहुकाल में मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, विदाई, विवाह, सगाई जैसे सभी मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है.

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4. इस तरह से ही राहुकाल में कोई भी प्रॉपर्टी, वाहन, आभूषण, वस्तुओं का लेन-देन या खरीद-बेच नहीं करते हैं.

5. राहुकाल के समय में यज्ञ करना भी वर्जित है.

राहुकाल के उपाय
1. यदि आपको कोई कार्य करना अत्यंत ही आवश्यक है, जो राहुकाल मे पड़ रहा है तो सबसे पहले वीर हनुमान जी की विधिवत पूजा कर लें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. उसे बाद उनका प्रसाद ग्रहण करके कार्य प्रारंभ करें. कहा जाता है कि संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

2. राहुकाल के समय में यात्रा करना अत्यंत ही आवश्यक है, किसी के जीवन मरण का सवाल है तो आप घर के मुख्य द्वार से निकलने से पहले 10 कदम विपरीत दिशा में चलें. उसके बाद घर से निकलें.

3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राहुकाल में यात्रा करने से पूर्व आपको दही, पान या कुछ मीठा खाकर निकलना चाहिए. इनको शुभता का प्रतीक माना जाता है, ये अशुभ प्रभाव को दूर करते हैं.

कालसर्प दोष की पूजा में राहुकाल उपयोगी
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है. उन लोगों को राहुकाल के समय में भगवान शिव की पूजा करानी चाहिए. इससे यह दोष मिट जाता है.

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Tags: Astrology, Dharma Aastha

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