पटना5 घंटे पहले
राजद के दो दिग्गज नेता अपने बेटों को किसी हाल में मंत्रिमंडल में शामिल कराना चाहते हैं। मगर उनके सामने जो सबसे बड़ी अड़चन बन सकते हैं वो हैं लालू यादव के बड़े तेजप्रताप यादव। पार्टी में इन दोनों नेताओं से तेजप्रताप की टशन चलती रहती है, जबकि दोनों उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नजदीकी माने जाते हैं। दोनों नेताओं का आरजेडी में बड़ा कद है। लालू यादव भी उन्हें तवज्जो देते हैं।
ये दोनों दिग्गज नेता हैं- राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी। जगदानंद अपने बेटे सुधाकर सिंह और शिवानंद अपने बेटे राहुल तिवारी को मंत्रिमंडल में शामिल कराने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
तेजस्वी की पसंद हैं सुधाकर, लेकिन सुधाकर की पसंद नीतीश नहीं, कहा- नो कमेंट
पार्टी के अंदर कहने वाले कह रहे कि जब लालू प्रसाद के दोनों बेटों को पहली बार विधायक होने पर मंत्री पद मिला था। अब फिर से तेजस्वी उपमुख्यमंत्री बने हैं, तेजप्रताप भी मंत्री बनेंगे ही, तो जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी के पुत्रों को जगह क्यों नहीं मिल सकती ? हालांकि आधिकारिक रूप से कोई नेता बोलने से बच रहे हैं।
जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह की बात करें तो उनका मिजाज अलग तरह का है। वे रामगढ़ से पहली बार 2020 में विधान सभा का चुनाव जीते थे। उनका ओपिनियन नीतीश कुमार के बारे में बहुत बढ़िया नहीं रहा है। इसलिए बहुत संभव है कि वे व्यक्तिगत रूप से मंत्री बनना चाहेंगे कि नहीं कहना मुश्किल है। हालांकि तेजस्वी की बेहतर पसंद में वे एक माने जाते हैं। भास्कर ने उनसे पूछा कि आप मंत्री पद की रेस में हैं क्या? इस पर सुधाकर सिंह ने कहा- ‘नो कमेंट’।

शिवानंद तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी और जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह और पर लोगों की नजर टिकी हुई हैं।
मैं मंत्री बनने की रेस में नहीं, यह पार्टी तय करेगी कि कौन मंत्री होंगे- राहुल तिवारी
राहुल तिवारी की बात करें तो उनके पिता शिवानंद तिवारी के संबंध लालू प्रसाद के साथ ही नीतीश कुमार के साथ भी बेहतर रहे हैं। हालांकि समय के साथ इन संबंधों में उतार-चढ़ाव होता रहा है। शिवानंद तिवारी कहते भी हैं कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी से उन्हें निकाला था। राहुल तिवारी शाहपुर से विधायक हैं और दूसरी बार 2020 में विधान सभा चुनाव जीता है।
भास्कर ने राहुल तिवारी से बात की। उन्होंने कहा कि वे मंत्री पद की रेस में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पार्टी तय करेगी कि कौन-कौन मंत्री बनेंगे। पार्टी जिसे बेहतर मानेगी उनको मंत्री पद देगी।
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