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हाइलाइट्स

पोलैंड ने नाटो के आर्टिकल 4 के तहत बैठक का अनुरोध किया है
आर्टिकल 4 के अनुसार कोई भी देश खतरे की स्थिति में ऐसी बैठक को बुला सकता है
नाटो के हमला करने पर शुरू हो सकता है वर्ल्ड वॉर 3

ब्रुसेल्स. यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच नाटो सदस्य देश पोलैंड में गिरी एक रूसी मिसाइल (poland missile attack) ने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. यूक्रेनी सीमा से लगभग 6.4 किलोमीटर पश्चिम में मौजूद प्रेज़वोडो गांव में गिरी इस मिसाइल ने दो लोगों की जान ले ली. जिसके बाद से नाटो के रूस पर हमले की आशंका अब तूल पकड़ने लगी है. पोलैंड पर हुए इस मिसाइल हमले के बाद नाटो सदस्य देश (NATO Countries) आर्टिकल 4 और आर्टिकल 5 का प्रयोग कर रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि क्या है नाटो और क्यों यह संगठन युद्ध की दिशा और दशा दोनों कुछ क्षणों में बदल सकता है…

30 सदस्यीय सैन्य गठबंधन है नाटो
नाटो एक 30 सदस्यीय सैन्य गठबंधन है जो सदस्य देशों के रूस से संभावित खतरे को देखते हुए बनाया गया था. फिलहाल इस गठबंधन में 30 देश हैं जो किसी भी एक देश पर हमला होने की स्थिति में एक साथ आक्रमण करने की बात कहते हैं. क्योंकि पोलैंड उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन का सदस्य है तो ऐसी संभावना है कि संगठन इसे एक हमला बताकर आर्टिकल 5 (Article 5 of NATO) को लागू कर दे. फिलहाल सभी देश मिलकर हमले का स्त्रोत पता करने का प्रयास कर रहे हैं.

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कब लागू होगा आर्टिकल 5
यदि यह निर्धारित किया जाता है कि मास्को मिसाइल दागने के लिए दोषी था, तो यह नाटो के सामूहिक रक्षा के सिद्धांत के अनुरूप आर्टिकल 5 को लागू कर सकता है. नाटो के संविधान के आर्टिकल 5 के तहत पश्चिमी गठबंधन के सदस्यों में से एक पर हमले को सभी पर हमला माना जाता है. आर्टिकल 5 लागू होने के बाद सभी सदस्य 30 देश पूरी क्षमता के साथ दुश्मन पर हमला बोलते हैं.

आर्टिकल 4 के तहत नाटो की बैठक
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के तहत पोलैंड ने नाटो के आर्टिकल 4 के तहत बैठक का अनुरोध किया है. अब इस बैठक में पोलैंड सदस्य देशों के साथ आर्टिकल 5 को लागू करने के लिए तय मानकों पर एविडेंस दे सकता है. आर्टिकल 4 के अनुसार कोई भी देश खतरे की स्थिति में ऐसी बैठक बुला सकता है जिसमें आर्टिकल 5 को लागू करने पर बात की जा सकती हो. अगर पोलैंड यह साबित करने में सफल हो गया कि यह मिसाइल हमला जानबूझकर रूस की ओर से किया गया तो नाटो पूरी ताकत से रूस पर हमला बोल सकता है.

क्या पोलैंड के कहने से नाटो कर देगा हमला?
सबसे पहले हमें यह समझने की जरुरत है कि आर्टिकल 5 किसी भी स्थिति में स्वतः लागू नहीं हो सकता है. किसी सदस्य राज्य पर हमले के बाद, अन्य यह निर्धारित करने के लिए एक साथ आते हैं कि क्या वे इसे आर्टिकल 5 की स्थिति के रूप में मानने के लिए सहमत हैं. इस तरह के परामर्श में कितना समय लग सकता है, इसकी भी कोई समय सीमा नहीं है. ऐसे में पोलैंड के लाख कहने पर भी जरूरी नहीं है कि नाटो रूस पर हमला बोल दे.

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पहली बार कब लागू हुआ नाटो का अनुच्छेद 5
अमेरिका पर 1 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमलों के बाद नाटो का अनुच्छेद 5 पहली बार लागू हुआ था. इसके लागू होने के बाद सभी देशों ने मिलकर इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुंहतोड़ कार्रवाई की थी, जिसमें तालिबान को सत्ता से बेदखल करना भी शामिल था. फिलहाल रूसी मिसाइल पर नाटो देशों की बैठक चल रही है जो यह तय करेंगे कि इसे एक्ट ऑफ वॉर माना जाए या नहीं.

बाइडन ने हमला न करने का दिया संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि यह मिसाइल रूस ने न दागी हो. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार युद्ध में यूक्रेन भी बड़े पैमाने पर रूस निर्मित मिसाइल और वेपन का इस्तेमाल कर रहा है. ऐसे में आशंका है कि यूक्रेन से ही यह मिस फायर हुआ हो. हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने मास्को के आक्रमण की शुरुआत से ही कहा है कि वॉशिंगटन नाटो भागीदारों की रक्षा के लिए अपनी अनुच्छेद 5 प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा.

Tags: NATO, Poland, Russia ukraine war

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