
में टॉप करने वालों ने जो कुछ कहा है वो आपकी सफलता का भी मंत्र बन सकता है. बस कोशिश उसे अमल करने की होनी चाहिए. 12वीं की टॉपर तनु तोमर
के एक किसान की बेटी हैं जबकि 10वीं टॉपर गौतम रघुवंशी कानपुर के रहने वाले हैं. तनु तोमर ने कहा है कि मेहनत करने पर सफलता जरूर मिलती है और लड़कियां भी लड़कों से कहीं कम नहीं हैं. जब मेहनत की जाती है तब कीर्तिमान कायम होता है.
दूसरी ओर, 10वीं में टॉप करने वाले गौतम रघुवंशी का गुरुमंत्र 6 से 7 घंटे पढ़ाई है. उनका मानना है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता. सफलता के लिए ये तो रही यूपी बोर्ड के टॉपरों की सलाह. साल 2018 में सीबीएसई बोर्ड से 10वीं की परीक्षा टॉप करने वाली नंदिनी गर्ग कहती हैं, “मैं हर हालात में अपने लक्ष्य को पाने के लिए तैयारी करती हूं. परिणाम अच्छा होगा या खराब इसे कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने देती. टयूशन को भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दें. टयूशन पढ़ने से बेवजह का प्रेशर बढ़ता है.
2018 में यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले आकाश मौर्य के मुताबिक पैसे की तंगी के चलते उन्होंने किसी भी विषय की कोचिंग नहीं की. मैं हमेशा से ही पढ़ाई एक शेड्यूल के मुताबिक करता हूं. आप उतनी पढ़ाई करें, जितना आपके लिए जरूरी हो. ज्यादा भार लेने पर पढ़ाई नहीं हो पाती और हम अपने लक्ष्य से भी भटक जाते हैं.”
शिक्षाविद् मंजीत सिंह कहते हैं कि किसी भी फील्ड में मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. इसी तरह पढ़ाई-लिखाई में भी. रेगुलर सहजता से पढ़ाई करें, समय से खेलें-कूदें तो कोई दिक्कत ही नहीं होगी. लेकिन जब हम सोचते हैं कि परीक्षा नजदीक आने पर ही पढ़ेंगे तो बात गड़बड़ हो जाती है. हर सफल बच्चे का मंत्र मेहनत ही होती है. पढ़ाई-लिखाई मेहनत की मोहताज है न कि बड़े शहर, बड़े स्कूल और पैसे वालों की. कई बच्चे अभाव में बिना ट्यूशन के भी बहुत अच्छा नंबर लाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2019, 23:17 IST
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