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पूरी दुनिया के रहनेवाले जिस तरह की ज़िंदगियां जी रहे हैं उसमें पलायन ही एकलौता सहारा नजर आता है भले ही वो थोड़े समय के लिए ही क्यों न हो. मानसिक बीमारियों के अलावा हमारी संवेदनशीलता में भी कई गुना वृद्धि हो चुकी है. हम किसी भी बात पर नाराज, खफा, गुस्सा या दुखी हो जाते हैं. शराब पी कर, पार्टीज में जा कर, अपने माता-पिता से झगड़कर या उनसे दुखी हो कर, अपने मित्रों को अपने परिजनों से अधिक तवज्जो दे कर आज कल की युवा पीढ़ी अपने आप को बिला वजह विद्रोही घोषित करना चाहती है. ऐसे में गलत संगति और कदम भटकने का डर होता है और कई बार ऐसा भी नुक्सान हो जाता है जिसकी भरपाई मुश्किल होती है. विदेशों में संयुक्त परिवार नहीं होते, माता पिता को भी अपनी निजी ज़िन्दगी अपने बच्चों से ज़्यादा प्यारी होती है, और बच्चों को भी अपना जीवन अपने तरीके से जीने की भावना उनके सभी निर्णयों को प्रभावित करती है. नेटफ्लिक्स पर रिलीज वेब सीरीज ‘वेलकम तो ईडन’ एक ऐसी घटना एक ऐसे समय का दस्तावेज है जब टूटते परिवार का एक सदस्य एक ऐसे षड्यंत्र में फंस जाता है जहां से उसका निकलना नामुमकिन के बराबर है. बड़े ही खूबसूरत लोकेशन पर फिल्मायी ये वेब सीरीज आने वाले समय से हमें आगाह करती है. इसे देखना ही चाहिए.

स्पेन में बनी इस वेब सीरीज की तह में जाने से समझ आता है कि पश्चिमी देशों में अकेलापन एक बड़ी भयानक बीमारी बन चुका है. वैयक्तिक कारणों से लोग अब भीड़ में तनहा वाली परिस्थितयों से गुजर रहे हैं. किसी को शराब का नशा है, किसी को जान जोखिम में डालने वाले स्टंट करने का, किसी को टूटते परिवार का हिस्सा होने का दुःख है तो किसी को प्रेम में टुकड़े टुकड़े होने का. वजह अलग हैं लेकिन अकेलापन सबका एक जैसा है. सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाने का कोकेन जैसा नशा, कभी कुंठा तो कभी प्रताड़ना का नशा, कभी हीरो बनने की चाहत और कभी सब कुछ हार कर बैठे एक थके हुए मन के इंसान की तमन्ना. अकेलापन सबको धीरे धीरे मार रहा है और इसका इलाज करने के लिए पलायनवाद कभी भी सही नहीं हो सकता. सीरीज में दिखाया गया है कि कुछ युवक और युवतियों को एक बेहद खूबसूरत द्वीप पर एक शानदार पार्टी में आने का न्यौता मिलता है. बड़े ही रहस्यमयी तरीके से ये लोग उस द्वीप पर बड़ी खातिरदारी से लाये जाते हैं. पार्टी शुरू होती है और उसमें से कुछ चुने हुए लोगों को एक विशेष ड्रिंक दिया जाता है जिसे पी कर वो बेहोश हो जाते हैं. इसके बाद शुरू होती है इन लोगों को इसी द्वीप पर रखने की पार्टी ऑर्गनिजर की चाल. पर्यावरण संकट की कहानियां सुना कर इस द्वीप के मालिक पति-पत्नी और उनके ढेरों साथी, इन नए आये लोगों को अपने प्रेम के जाल में फंसा कर अपने दल में शामिल करना चाहते हैं. इसके पीछे क्या वजह है, क्या रहस्य है इन लोगों का, क्यों वो ऐसा करना चाहते हैं…ये सब देखने के लिए वेब सीरीज देखनी पड़ेगी. रफ़्तार औसत से थोड़ी ही कम है लेकिन अच्छे अभिनय और खूबसूरत लोकेशंस से इसकी भरपाई की जाती है.

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मुख्य भूमिका में हैं अमाला अबैरस्टरी जिन्होंने ज़ोया की भूमिका निभाई है और अमाया सालामांका जिन्होंने एस्ट्रिड की भूमिका निभाई है. इसके अलावा भी कुछ स्पेनिश अभिनेता-अभिनेत्रियाँ हैं जिन्होंने छोटे और बड़े दोनों रोल में अच्छा काम किया है लेकिन अमाला और अमाया ने पूरी सीरीज अपने कन्धों पर ढोई है. लेखक मण्डली में मुख्य रचयिता जोआकिन गोरिज के साथ गुइलर्मो लोपेज सांचेज ने पटकथा और संवाद लिखे हैं. मूल कहानी का आईडिया रैमन मासिलोरेंस ने दिया था. कहानी के अलावा इस वेब सीरीज में कई ऐसी बातें हैं जो तारीफ के काबिल हैं जैसे संगीतकार लुकास विडाल द्वारा रचा बैकग्राउंड स्कोर. पार्टी म्यूजिक हो या रोमांटिक म्यूजिक, डर का संगीत हो या रहस्य से पर्दा उठानेवाले दृश्यों का संगीत, विडाल की संगीत की समझ से हर दृश्य का प्रभाव दो गुना हो जाता है. लांजारोट और सैन सबेस्टियन जैसे द्वीपों की दिलकश खूबसूरती को कैमरे में कैद करनेवाले डिएगो दूसुइल, पाब्लो दिएज, और जोसफ सिविट की सिनेमेटोग्राफी पूरी सीरीज की सबसे अच्छी बात है. समंदर की लहरों से मन के भीतर उठती तरंगो की युगलबंदी के दृश्य अद्भुत हैं. साल 2021 की सबसे हिंसक स्पेनिश फिल्म एक्स्ट्रीमो के निर्देशक डेनियल बेनमेयर और स्पेनिश टेलीविजन के प्रसिद्ध निर्देशक मन्ना फीते ने इस सीरीज का निर्देशन किया है. पूरी सीरीज में एक अजीब सा तनाव बना रहता है जिस से लगभग हर शख्स का किरदार रहस्यमयी ही नजर आता है और ये कमाल सिर्फ अच्छे निर्देशन की वजह से है.

वेब सीरीज धीमी है. एक एक एपिसोड काफी लम्बा है. किरदारों को समझने में थोड़ा वक़्त लगता है लेकिन जितने भी किरदार जीवित रहते हैं उनमें से हर एक के अंदर एक न एक ऐसी खूबी है जिस से दर्शक उन्हें पसंद कर लेते हैं. अकेलेपन से जूझती इस दुनिया में ख़ुशी बेचने के इस नए किस्म के व्यवसाय पर एक पैनी नजर है वेलकम टू ईडन. इसका दूसरा सीजन बनाने की तयारी शुरू हो चुकी है. फिलहाल के लिए पहला सीजन देखिये, और किसी पूर्वाग्रह से दूर रहकर, इसमें डूब कर इस वेब सीरीज को देखिये. एक समाज के तौर पर हम कितने अकेले हैं, ये समझ आ जायेगा.

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